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राजशेखर का इतिहास-दर्शन : कारणत्व, परम्परा एवं कालक्रम [१३१
अनन्तपाल और त्रिलोकसिंह नामक चाहमान सेवार्थ धवलक्क आए। वे तीनों सेवा के बदले में कुछ भूसम्पत्ति चाहते थे किन्तु वीरधवल ने उन्हें लौटा दिया। वीरधवल के कृपण व्यवहार के कारण उनका असन्तोष बढ़ा।' वे तीनों भीमसिंह के संघ में जा मिले, जिस कारण पञ्चग्राम का युद्ध हुआ। अन्त में वस्तुपाल-तेजपाल ने वीरधवल को स्मरण कराया कि आपने मारवाड़ के तीन योद्धाओं को ग्रहण नहीं किया था, वे शत्रु-सेना में जाकर मिल गये हैं। इस प्रकार राजशेखर ने यह प्रमाणित कर दिया कि जाबालिपुर के चाहमानों के असन्तोष, चाहमान और भीमसिंह संघ-निर्माण तथा पञ्चग्राम युद्ध का कारण वीरधवल का कृपण-व्यवहार था। तेजपाल और घूघल के बीच युद्ध के कारण ___ महीतट प्रदेश के गोधिरा नगर में घूधुल मण्डलीक रहता था, जिससे तेजपाल का युद्ध हुआ। राजशेखर ने इस युद्ध के कई कारण सुझाये हैं, जैसे - . (१) घूघुल वीरधवल की आज्ञा नहीं मानता था। इस अवज्ञा ने युद्ध की पूर्व-पीठिका तैयार कर दी थी।
(२) तेजपाल ने घूघुल को समझाने के लिए एक वीर-योद्धा भेजा, जिससे घूघुल क्रोधित हुआ। _ क्रुद्ध घूघुल ने वीरधवल के लिए एक साड़ी और कज्जलं की डिबिया भेजी', जो इसका सूचक था कि विरोधी पत्नीवत् समर्पण कर दे।
(३ ) सेना का योजनाबद्ध प्रयाण - घूघुल से युद्ध करने के लिए तेजपाल ने महीतट प्रदेश पहुँच कर अपनी सेना को दो भागों में बाँट दिया - ( क ) एक भाग वहीं स्थित कर दिया, (ख ) दूसरा १. जबकि एक स्थल पर राणक अपनी कृपणता को ही दोष देते हैं और
कहते हैं कि राजा की कृपणता से सेवक अल्पवृत्ति वाले ( चोर ) हो
जाते हैं। प्रको, पृ० ११३ । २. 'तेनागत्य राणश्रीवीरधवलाय कज्जल गृहं शाटिका चेति द्वयं दत्तम् ।'
वही, पृ० १०७ ।
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