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( xiv ) स्तुत्य है और इतिहास-रचनाशास्त्रीय दृष्टि से शोध प्रयासों के लिये मानक उदाहरण है। यह इन्हें यथेष्ट यश और गौरव दिलाये, यह शुभकामना है।
लल्लनजी गोपाल वाराणसी
रेक्टर, १४-१-१९९४ ई.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
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