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________________ २४ जैन एवं बौद्ध योग : एक तुलनात्मक अध्ययन रोचक सम्यक्त्व- सत्य-असत्य का विवेक होने पर भी सत्य का आचरण नहीं कर पाना रोचक सम्यक्त्व कहलाता है। यह सत्यबोध की ऐसी अवस्था है, जिसमें व्यक्ति शुभ को शुभ और अशुभ को अशुभ के रूप में जानता है और शुभ प्राप्ति की इच्छा भी करता है, लेकिन उसके लिए प्रयास नहीं करता। दीपक सम्यक्त्व- दीपक सम्यक्त्व वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति अपने उपदेश से दूसरों में तत्त्वजिज्ञासा उत्पन्न कर देता है और परिणामस्वरूप होनेवाले यथार्थ बोध का कारण बनता है। इसे दूसरे शब्दों में इस प्रकार कहा जा सकता है कि दीपक सम्यक्त्ववाला व्यक्ति वह है जो दूसरों को सन्मार्ग पर लगा देने का कारण बन जाता है, लेकिन स्वयं कुमार्ग का राही बना रहता है। द्विविध भेद- स्थानांग में निसर्गज सम्यक्त्व और अधिगमज सम्यक्त्व के रूप में सम्यक्त्व का द्विविध विभाजन किया गया है निसर्गज सम्यक्त्व- निसर्गज अर्थात् जिसकी प्राप्ति स्वत: अनुभूति के द्वारा हो या यूँ कहें कि बिना किसी गुरु के उपदेश के स्वाभाविक रूप में स्वत: उत्पन्न होने वाला सत्य बोध निसर्गज सम्यक्त्व कहलाता है। अधिगमज सम्यक्त्व- गुरु आदि के उपदेश रूप निमित्त से होनेवाला सत्य बोध अधिगमज सम्यक्त्व के नाम से जाना जाता है। प्रवचनसारोद्धार में द्रव्य एवं भाव तथा निश्चय एवं व्यवहार रूप में भी सम्यक्त्व के द्विविध भेद किये गये हैं। जो निम्न प्रकार से हैं२७ द्रव्य सम्यक्त्व-विशुद्ध रूप से परिणत किए हुए मिथ्यात्व के कर्म-परमाणु द्रव्य सम्यक्त्व है। भाव सम्यक्त्व- विशुद्ध पुद्गल वर्गणा के निमित्त से होनेवाली तत्त्वश्रद्धा भाव-सम्यक्त्व है। निश्चय सम्यक्त्व- मैं स्वयं ही अपना आदर्श हूँ, देव, गुरु और धर्म मेरी आत्मा हैं। ऐसी दृढ़ श्रद्धा का होना ही निश्चय सम्यक्त्व कहलाता है। राग-द्वेष और मोह का अत्यल्प हो जाना, पर-पदार्थों से भेदज्ञान एवं स्व-स्वरूप में रमण, देह में रहते हुए देहाध्यास का छूट जाना आदि निश्चय सम्यक्त्व के लक्षण हैं। व्यवहार सम्यक्त्व- वीतराग में देवबुद्धि, पाँच महाव्रतों का पालन करनेवाले Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002120
Book TitleJain evam Bauddh Yog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudha Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year2001
Total Pages344
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size14 MB
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