SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भूमिका दात्यूहसन्देश त्रावणकोर की 'संस्कृत हस्तलिखित ग्रन्थ सूची ' ( ग्रन्थाङ्क १९५ ) के अनुसार यह काव्य कवि नारायण की कृति है । काव्य के अनुपलब्ध होने से वर्ण्य विषय अज्ञात है । [ १९ दूतवाक्यम् महाकवि भासप्रणीत दूत-वाक्य का वर्ण्य विषय, युधिष्ठिर द्वारा कृष्ण को दूत बनाकर सन्धि का प्रस्ताव दुर्योधन के पास भेजना तथा दुर्योधन द्वारा अपमानित कृष्ण का दुर्योधन को उसके विनाश एवं महाभारत की सूचना देना है | दूत- घटोत्कच महाकवि भासकृत इस काव्य का वर्ण्य विषय, महाभारत अवश्यम्भावी हो जाने पर भीम पुत्र घटोत्कच को दूत रूप में दुर्योधन के पास भेजना तथा दुर्योधन द्वारा उसकी अवहेलना और घटोत्कच आदि का युद्ध के निमित्त तैयार हो जाना, है । यहाँ ध्यातव्य है कि भास रचित उक्त दोनों कृतियां राजनीति प्रधान हैं तथा इतिवृत्त महाभारत से लिया गया है । Jain Education International देवदूतम् 'जैन सिद्धान्त' ( भाग २, किरण १ ) में इस काव्य का उल्लेख किया गया है, किन्तु इसका रचयिता एवं वर्ण्य विषय आदि सम्प्रति अज्ञान का विषय ना हुआ है। नलचम्पू त्रिविक्रम भट्ट कृत 'नलचम्पू' का वर्ण्य विषय, राजा नल तथा विदर्भ नरेश की पुत्री दमयन्ती द्वारा परस्पर अपने मनोगत भावों को एक दूसरे तक पहुँचाने के लिए 'हंस' पक्षी को दूत बनाकर पहिले राजा नल द्वारा अपना सन्देश दमयन्ती तक पहुँचाना, पुनः दमयन्ती द्वारा उसी हंस को दूत बनाकर अपना सन्देश राजा नल के पास भेजना, है । यह ग्रन्थ अपूर्ण है । प्रकाशित होने के कारण इसके वर्ण्य विषय को यहाँ विस्तृत रूप में प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है । विस्तृत जानकारी के लिए इस मूल काव्य को ही देखना चाहिए । इसकी कथा वस्तु का विभाजन सात उच्छ्वासों में किया गया है जिसमें ३७७ पद्म हैं । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002117
Book TitleNemidutam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVikram Kavi
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1994
Total Pages190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy