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________________ अर्थनिरूपण ७०-माणहरिएहि गंतु ण तोरए सो ण एइअवराही।। को वि अपत्थिअमुणिओ णेज्ज मंतं व आणेज्ज ॥९२६॥ मानहरितैर्गन्तु न शक्यते स नैति अपराधी । कोऽपि अप्रार्थितज्ञो नेयं मन्त्राभिवानयेत् ।। __ " मान धारण किये हुए हम जा नहीं सकते, वह अपराधी नहीं आता है, कोई पहुँचाने वाले मन्त्र की भाँति अभिलषित जानने वाला उसे ला दे।" "विमर्श-गाथा का अर्थ स्पष्ट नहीं लगता।" इस गाथामें 'अपत्थिअमुणिओ' का पाठ 'अ पत्थिअमुणिओ' होना चाहिए। तृतीय पाद की संस्कृतच्छाया का समुचित स्वरूप यह होगा : 'कोऽपि च ज्ञात प्रार्थितः' 'यहाँ मूल में प्राकृतत्वात् मुणिअ शब्द का पर निपात हो गया है 'मान हरिएहि' की संस्कृतच्छाया 'मानधरितः' या 'मानभरितैः' है। अपराधी नायक और मानिनी नायिका एक दूसरे से दूर रह रहे है। नायिका का कोप शान्त हो चुका है । वह प्रिय से मिलने के लिये उत्सुक है। अब यदि वह स्वयं नायक के निकट जाती है तो आत्म-प्रतिष्ठा को आघात लगता है । लोग कहेंगे, बड़ी मान वाली बनी थी, मान का निर्वाह भी नहीं कर सकी! दूसरी ओर नायक के आने की भी कोई आशा नहीं है। वह अपने अपराध की गुरुता के कारण भयभीत है । इस जटिल परिस्थिति में वाञ्छनीय संयोग को दैवाधीन समझ कर नायिका कह रही है : जिन्हें मान ने ग्रहण कर लिया है, ( या जो मान से भरे हैं )वे तो ( नायक के निकट) जा नहीं सकते, वह ( नायक ) अपराधी है, अतः वह आ नहीं रहा है । जैसे वशीकरण मन्त्र नेय (जिसे ले जाना है) को ला देता है, वैसे ही कोई हमारे प्रार्थित ( लभिलषित ) को जानने वाला उसे ला देता ! ( तो कितना सुन्दर होता, इच्छा भी पूरी हो जाती और प्रतिष्ठा भी रह जाती। ) आणेज्ज में काकु है। ७१-तुंगो थिरो विसालो जो सहि ! मे माणपव्वओ रइओ । सो दइअदिठ्ठिवज्जासणीए घाए वि ण पहुन्तो । तुङगः स्थिरो विशालो यो रचितो भानपर्वतस्तस्याः । स दयितदृष्टि वज्राशने_तमेव न प्राप्तः ॥ .. " हे सखि ! जो मेरे सान का पर्वत तुग, स्थिर और विशाल बना है, उसने प्रिय के दृष्टिवज्र का प्रहार नहीं पाया है।" " विमर्श-छाया वज्जालग्ग से प्राप्त" Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002116
Book TitleGathasaptashati
Original Sutra AuthorMahakavihal
Author
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1995
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size9 MB
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