SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अर्थनिरूपण ११. रअणाम्ररस्स साहेमि नम्मए ! अज्ज विमुक्कदक्खिण्णा । वेडिसलआहरतेणं मिलिया जं सि पूरेण ॥ ७५४ ।। रत्नाकरस्य साधयामि नर्मदे ! अद्य मुक्तदाक्षिण्या । वेतसलता गृहान्तेन मिलिता यदसि पूरेण ॥ प्रस्तुत गाथा में 'घरतेणं' एक पद नहीं है । 'घरते' के पश्चात् स्वीकार या निश्चय द्योतक 'ण' अव्यय है। अतः 'घरते णं' यह पाठ करना होगा। इसका संस्कृत रूपान्तर 'गृहान्ते ननु' है। इसका अनुवाद यह किया गया है "री नर्मदे, जो कि तूने वेतस के लतागृह में प्रवाह के साथ संगम किया, 'आज मैं शिष्टाचार छोड़कर ( तेरे पति ) समुद्र से कह दूंगा।" यह अनुवाद ऊपर से तो ठीक लगता है परन्तु ध्यान देने पर इसकी असंगति स्पष्ट हो जाती है। स्त्रीलिंग पद विमुक्क दक्खिण्णा पुल्लिग मैं ( वक्ता ) का विशेषण नहीं हो सकता है । 'विमुक्कदक्खिण्णो' होने पर ही वह किसी पुल्लिग से अन्वित हो सकेगा । अतः उक्त स्त्रीलिंग यद स्त्रीलिंग नर्मदा का ही विशेषण है। नर्मदा में समासोक्ति-साधक श्लेष है। अर्थ यह होगा हे नर्मदे ! ( नदीविशेष, सुखदे ) तू दाक्षिण्य (पति के प्रति अनुकूलता) का परित्याग कर वेतसलता के गृह में जो प्लावन ( जल की बाढ़ ) से मिल चुकी है ( संगम कर चुकी है।)-यह बात मैं ( तेरे पति ) रत्नाकर ( समुद्र ) से कह दूंगा। यदि वक्त्री महिला होगी तो अर्थ का स्वरूप यह होगा है नर्मदे ! तू वेंतलता गृह के भीतर प्लावन से जो संगम ( मिलन, संभोग) कर चुकी है उसे मैं तेरी अनुकूलता ( दाक्षिण्य ) छोड़कर रत्नाकर ( समुद्र ) से बता दूंगी। ___ यहाँ समासोक्ति के माध्यम से प्रस्तुत रत्नाकर और नर्मदा पर नायक और नायिका के व्यवहार का समारोप है । १२. सुहया सुहं चिय कुडलि व्व पेहुणो णिग्गयस्स चडुवस्स । जणरंजणिग्गहो ते घरम्मि सुणहो अतिहिवंतो ॥७५९॥ इसके नीचे आर्य के अस्पष्टता की टिप्पणी दी गई है। अनुवाद नहीं किया गया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002116
Book TitleGathasaptashati
Original Sutra AuthorMahakavihal
Author
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1995
Total Pages244
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy