________________
“६० : जैन महापुराण : कलापरक अध्ययन
यू० पी० शाह एवं मारुतिनन्दन तिवारी ने श्वेताम्बर ( श्वे०) तथा दिगम्बर (दि० ) परम्परा के अनुसार वर्तमान अवसर्पिणी युग के २४ तीर्थंकरों के लांछनों की सूची निम्न प्रकार दी हैतीर्थंकर
लांछन
१. ऋषभनाथ (या आदिनाथ) वृषभ २. अजितनाथ
गज ३. सम्भवनाथ
अश्व ४. अभिनन्दन
कपि ( वानर) ५. सुमतिनाथ
क्रौंच ( श्वे०), कोक (दि०) ६. पद्मप्रभ
पद्म ७. सुपार्श्वनाथ
स्वस्तिक (श्वे०, दि०), नन्द्यावर्त
(दि०) .८. चन्द्रप्रभ
अर्धचन्द्र (शशि) ९. सुविधिनाथ ( पुष्पदन्त ) मकर १०. शीतलनाथ
श्रीवत्स ( श्वे०, दि०), स्वस्तिक
(दि०) ११. श्रेयांशनाथ
गण्ड या खड्गी ( गैंडा) १२. वासुपूज्य
महिष १३. विमलनाथ
वराह १४. अनन्तनाथ
श्येन पक्षी (श्वे०), रीछ (दि०) १५. धर्मनाथ
वज्र १६. शांतिनाथ
मृग १७. कुन्थुनाथ १८. अरनाथ
नन्द्यावर्त (श्वे०), मत्स्य (दि०) १९. मल्लिनाथ१२
कलश २०. मुनिसुव्रत
कूर्म २१. नमिनाथ
नीलोत्पल २२. नेमिनाथ (या अरिष्टनेमि) शंख २३. पार्श्वनाथ
सर्प २४. महावीर ( या वर्धमान) सिंह
कुछ ग्रन्थों में २४ तीर्थंकरों के वर्गों का भी उल्लेख किया गया है जो चित्रों में विभिन्न जिलों की पहचान में सहायक हैं।33 दोनों पर
छाग
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org