SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 120
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तीर्थकर (या जिन) : १०७ की मूर्तियों की भाँति एलोरा के सभी उदाहरणों में महावीर को ध्यानमुद्रा में आसीन दिखाया गया है । ज्ञातव्य है कि उत्तर भारत के अधिकांश उदाहरणों में भी महावीर ध्यानमुद्रा में ही आमूर्तित हैं। एलोरा की महावीर मूर्तियाँ अधिकांशतः गर्भगृहों या मुख्य मण्डपों में उत्कीर्ण हैं जो एलोरा में महावीर की विशेष प्रतिष्ठा की सूचक हैं । लगभग सभी ध्यानस्थ मूर्तियों में सिंहासन के मध्य में सिंह लांछन (धर्मचक्र के स्थान पर ), त्रिछत्र, देवदुन्दुभि, चामरधारी सेवक, उड्डीयमान मालाधर, चैत्यवृक्ष, भामण्डल जैसे प्रातिहार्य तथा उपासकों की आकृतियों को दिखाया गया है। महावीर के पीछे आधुनिक मसनद जैसा पीठासन पूरी तरह चालुक्य उदाहरणों के समान है। कुछ उदाहरणों में सिंहासन के सूचक सिंहों के समीप ही पश्चिम भारत की तीर्थंकर मूर्तियों के समान दो गज आकृतियाँ भी उकेरी हैं। गुफा सं० ३२ के एक उदाहरण में गजारूढ़ कुबेर यक्ष और सिंहवाहना अम्बिका यक्षी की आकृतियाँ रूपायित हैं । कुबेर के हाथों में फल और धन का थैला एवं अम्बिका के हाथों में. आम्रलुम्बि एवं बालक प्रदर्शित है। ___ जैन पुराणों में यह स्वीकार किया गया है कि वर्तमान अवसर्पिणी काल के बाद उत्सर्पिणी काल आरम्भ होगा और पुनः २४ तीर्थंकरों का आविर्भाव होगा। इसी प्रकार वर्तमान अवसर्पिणी काल के पूर्व के उत्सर्पिणी काल में भी २४ तीर्थंकरों का जन्म हो चुका था। यू० पी० शाह ने पूर्व (अतीत ) एवं पश्चात्कालीन ( भविष्य के ) उत्सर्पिणी काल के २४ तीर्थंकरों की अलग-अलग सूचियाँ दी हैं ।२५४ यह सूचियाँ श्वेताम्बर व दिगम्बर दोनों ही परम्पराओं के अनुसार हैं। (क) पूर्वकालीन ( अतीत ) सोकरों की सूची : क्रम सं० श्वेताम्बर दिगम्बर केवलज्ञानी निर्वाण निर्वाणी सागर सागर महासाधु महायशह विमलप्रभ विमल श्रीधर सर्वानुभूति सुदत श्रीधर अमलप्रभ ७. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org म
SR No.002115
Book TitleJain Mahapurana Kalaparak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKumud Giri
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1995
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy