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जैन शास्त्र भंडार : ४३९
सूरि रास', 'जिन सागर सूरि रास' और 'विजय सिंह सूरि रास' । कुछ संस्कृत के दुर्लभ जैन काव्य भी हैं, जैसे नन्दीरत्न के शिष्यों द्वारा रचित 'सारस्वतोल्लास काव्य', 'विमल कीर्ति रचित 'चंद्रदत्त काव्य', मुनीश सूरि रचित 'हंसदूत', श्रीवल्लभ रचित 'विद्वत् प्रबोध', इन्द्रनन्दी सूरि के शिष्य द्वारा रचित 'वैराग्य शतक', मुनिसोम रचित 'रणसिंह चरित, सुमति विजय रचित 'प्रिय विलास', सुरचंदगणी रचित 'पंच तीर्थी स्तव', देवानन्द सूरि रचित 'अजितप्रभु चरित्र' प्रतिष्ठा सोम रचित 'धर्मदूत', राजबल्लभ रचित 'सिंहासन द्वात्रिंशिका' और श्याम सुन्दर रचित 'जिनसिंह पदोत्सव काव्य' । इन भण्डारों में जैन एवं अजैन ग्रन्थों पर संस्कृत टीकाएँ भी हैं जो अन्यत्र उपलब्ध नहीं होतीं, जैसे—- हर्षंनन्दन रचित 'उत्तराध्ययन वृत्ति', अजित देव सूरि रचित ' कल्पसूत्र वृत्ति', जयदलाल रचित 'नन्दी सूत्र वृत्ति', श्याम सुन्दर रचित 'वाग्भटालंकार वृत्ति' और 'नेभिदत्त वृत्ति' आदि ।
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(स) अजमेर संभाग :
१. जयपुर :
सवाई जयसिंह ने १७२७ ई० में जयपुर नगर बसाकर आमेर के स्थान पर इसे अपनी राजधानी बनाया। उत्तरी भारत में दिल्ली के अतिरिक्त जयपुर ही दिगम्बर समाज का प्रमुख केन्द्र रहा है । २०० वर्ष पूर्व रायमल्ल ने इसे जिनपुरी लिखा था । " वर्तमान में जयपुर में १७० मंदिर व चैत्यालय हैं । सभी में स्वाध्याय के निमित्त हस्त लिखित ग्रन्थों का संग्रह मिलता है, लेकिन कुछेक में पुराने ग्रन्थों का अपूर्व संग्रह है । (क) आमेर शास्त्र भंडार :
पूर्व में यह भण्डार आमेर के नेमिनाथ मन्दिर में था । लेकिन कुछ वर्षों से इसे महावीर भवन, जयपुर में स्थानांतरित कर दिया गया है । १८वीं शताब्दी में यह भंडार 'भट्टारक देवेन्द्र कीर्ति शास्त्र भण्डार' के नाम से जाना जाता था । इसमें २७०५ हस्तलिखित ग्रन्थ एवं १५० गुटके हैं । प्राचीनतम ग्रन्थ पुष्पदन्त द्वारा लिखित 'उत्तर पुराण' है जो १३३४ ई० की अपभ्रंश भाषा की प्रतिलिपिकृत कृति है । यहाँ १५वीं, १६वीं एवं १७वीं शताब्दियों में प्रतिलिपि की गई पांडुलिपियों की संख्या अधिक है । अपभ्रंश ग्रन्थों की दृष्टि से यह भण्डार बहुत सम्पन्न एवं मूल्यवान है | यहाँ अपभ्रंश के लगभग ५० ग्रन्थ हैं | अपभ्रंश के प्रथम लेखक स्वयंभू की रचनाओं के प्रारम्भ से
१. कासलीवाल - राजैसा, पृ० ३७६ लेख 'राजस्थान के जैन ग्रन्थ संग्रहालय' । २. डॉ० कासलीवाल के शोध प्रबन्ध के आधार पर वर्णित हैं ।
३. आमेर शास्त्र भंडार, जयपुर की ग्रन्थ सूची |
४. राजेशाग्रसू २, भूमिका |
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