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________________ जैन शास्त्र भंडार : ४३७ की प्रेरणा से बीकानेर के कुछ महत्वपूर्ण श्वेताम्बर ज्ञान भण्डार राजस्थान सरकार के संरक्षण में दे दिये गये हैं। श्रीपूज्य के उपासरे की हस्तलिखित प्रतियां, मोतीचन्द खजांची का संग्रह, उपाध्याय जयचन्द्र तथा अन्य यतियों के संग्रह तथा पायचन्द गच्छ के उपाश्रय का संग्रह-"राज्य प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान', बीकानेर शाखा को संरक्षण हेतु प्रदान कर दिया गया है। इस प्रकार बीकानेर को पांडुलिपियों का शहर कहा जा सकता है। जैन शास्त्र भण्डारों की बहुत बड़ी संख्या बीकानेर के पड़ोसी कस्बों में भी विद्यमान है। २. गंगाशहर का शास्त्र भण्डार: गंगाशहर बीकानेर से २ मील दूर है। इस भण्डार में लगभग ३०० हस्तलिखित ग्रन्थ हैं जो जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के नियंत्रण में हैं । ३. चुरू के दो पुस्तकालय : चुरू में सुराणा लाइब्रेरी और खरतरगच्छीय यति वरजी के उपासरे में अवस्थित ज्ञान भण्डार, दोनों महत्वपूर्ण हैं । सुराणा लाइब्रेरी में लगभग २,५०० ग्रन्थ हैं। ताड़पत्रीय एवं सचित्र ग्रन्थों की भी कतिपय प्रतियाँ उपलब्ध हैं। सुभकरण सुराणा ने इस भंडार की सूची बनाई थी, जो अप्रकाशित है । यतिजी के संग्रह में ३७८५ ग्रन्थों का संग्रह है। सभी कागज ग्रन्थ है । ४. राजगढ़ का ओसवाल पुस्तकालय : इसमें ६ बंडलों में लगभग २०० पांडुलिपियाँ संग्रहीत हैं। ५. जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा का ग्रन्थ भण्डार, सरदार शहर : इस भण्डार में १४७१ हस्तलिखित ग्रन्थ हैं। यहाँ १४७७ ई० में प्रतिलिपिकृत "कल्पसूत्र" की स्वणिम स्याही में अंकित एक प्रति है। ६.भीनासर का ज्ञान भण्डार: बीकानेर से ३ मील दूर है । बहादुर मल बांठिया के संग्रह में ७००-८०० प्रतियाँ हैं । यति सुमेरमल का संग्रह भी प्रसिद्ध है। चम्पालाल वैद के पास भी व्यक्तिगत संग्रह है। ७. कालू ग्राम के संग्रह : यहाँ यति किशनलाल के संग्रह में कुछ हस्तलिखित ग्रन्थ हैं । ८. नौहर : यहाँ कई श्रावकों के पास व्यक्तिगत संग्रह हैं । ९. सूरतगढ़ : यहाँ के जैन मन्दिर के शास्त्र भण्डार में हस्तलिखित प्रतियों का अच्छा संग्रह है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002114
Book TitleMadhyakalin Rajasthan me Jain Dharma
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Jain Mrs
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages514
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size21 MB
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