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जैन शास्त्र भंडार : ४३५ (च) छत्तीबाई उपाश्रय ज्ञान भण्डार :
यह भण्डार नाहटों की गुवाड़ में स्थित छत्तोबाई के उपाश्रय में है। इसमें ३०० ग्रन्थ संग्रहीत हैं। (छ) पन्नीबाई का उपाश्रय भण्डार :
यह उपासरा छत्तीबाई के उपासरे के पीछे है । इसमें लगभग ३०० ग्रन्थ संग्रहीत हैं । (ज) महोपाध्याय रामलाल का संग्रह :
यह रामलाल का व्यक्तिगत संग्रह है, जिसमें लगभग ५०७ ग्रन्थ है । सिद्धान्त, पुराण एवं चरित्र ग्रन्थ अधिक है। (झ) खरतराचार्य शाखा का ग्रंथ भण्डार :
इसमें लगभग १८९५ ग्रन्थ हैं जिसकी सूची भी यहाँ उपलब्ध है। (त्र) हेमचन्द्रसूरि पुस्तकालय :
यह भण्डार बांठिया की गुवाड़ में स्थित पायचन्द गच्छ के उपासरे में है। इसमें लगभग १२०० ग्रन्थ हैं जिनमें आगम, सिद्धान्त, पुराण और कथा साहित्य की अधिकता है। (ट) कुशलचन्द गणी पुस्तकालय : ___ यह रामपुरिया को गुवाड़ में स्थित है। इसमें लगभग ४५० ग्रंथ हैं। कुछ मुद्रित ग्रन्थ भी हैं। (ठ) यति मोहन लाल का संग्रह :
यह सुराणा की गुवाड़ में स्थित लोकागच्छ के उपासरे में है । (ड) अभय जैन ग्रंथालय :
यह भण्डार शंकरदास नाहटा ने अपने द्वितीय पुत्र अभयराज नाहटा की स्मृति में स्थापित करवाया था। इस ग्रन्थालय में केवल जैन ग्रन्थ ही नहीं अपितु वेद, पुराण, उपनिषद, काव्य, नाटक, छंद, ज्योतिष, वैद्यक, मंत्रतंत्र आदि सभी विषय के ग्रन्थों का अच्छा संग्रह है। यहाँ विभिन्न प्रान्तों के विविध भाषाओं के ग्रन्थ भी हैं। इसमें लगभग ६०,००० ग्रन्थ हैं जिनमें बहुत बड़ी संख्या दुर्लभ ग्रन्थों की है ।' अपूर्ण ग्रन्थ भी कुछेक हैं । लगभग १००० को संख्या तो पत्र एवं गुटकों की है। एक-एक गुटके में कई-कई रचनाएँ हैं । यहाँ कुछ ताडपत्रीय ग्रन्थ भी हैं। इसके अतिरिक्त इस भण्डार में ऐतिहासिक सामग्री, जैनाचार्यों एवं यतियों के पत्र, राजाओं के पत्र, शाही फरमान, विशेष अभिलेख, पंचांग एवं १६४४ ई० से वर्तमान तक के ओसवालों की वंशावलो भी है । इसमें प्राचीन चित्र, चित्रित विज्ञप्ति पत्र, सचित्र सूचनाएँ, चित्रित वस्त्रपट्ट, १. नाहटा, राजैसा में प्रकाशित लेख ।
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