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________________ १२६ : मध्यकालीन राजस्थान में जैनधर्म - मूर्तिलेख हैं, जिनमें इस संघ के कई भट्टारकों का वर्णन है । इस मन्दिर के १६२९ ई० "के लेख में काष्ठा संघीय कोडिया भीमा के पुत्र जसवन्त के द्वारा जिन मन्दिर पर कलश और ध्वजादण्ड चढ़ाने का उल्लेख है । १७०९ ई० के शिलालेख में काष्ठा संघ, नंदीतट गच्छ, विद्यागण, रामसेनान्वय के भट्टारक राजकीर्ति के शिष्य सुमतिकीर्ति के पट्टधर प्रतापकीर्ति का उल्लेख है । इसी प्रकार १६९६ ई० के लेख में काष्ठा संघ, लाड़ बागड़ गच्छ, लोहाचार्यान्वय के प्रतापकीर्ति तथा काष्ठा संघ नंदीतट गच्छ विद्यागण रामसेनान्वय के भट्टारक भीमसेन, चन्द्रकीर्ति, राजकीर्ति, लक्ष्मीसेन, इन्द्रभूषण, कमल मधुकर और - सुरेन्द्रकीर्ति का उल्लेख है । ' काष्ठा संघ के माथुर गच्छ के उत्तर मध्यकालीन आचार्य : २ सहस्त्रकीर्ति १६०६ ई०, महीचन्द्र १६८२ ई०, देवेन्द्र कीर्ति १७१३ ई०, जगत्कीर्ति - १७८५ ई० । • काष्ठा संघ के नंदीतट गच्छ के उत्तर मध्यकालीन आचार्य : १. रत्नभूषण ( १६१७ ई० ) व चन्द्रकीर्ति ( १५९७ ई० - १६२४ ई० ) २. जयकीर्ति (१६२९ ई०) व राजकीर्ति, ३. केशवसेन व लक्ष्मीसेन ( १६३९ ई० - १६४६ ई० ) ४. विश्वकीर्ति ( १६३९ ई० - १६४३ ई० ) व इन्द्रभूषण ( १६५८ ई० - १६७९ ई० ), ५. सुरेन्द्रकीर्ति ( १६८७ ई० - १७१६ ई० ) ६. लक्ष्मीसेन व विजयकीर्ति ( १७५५ ई० ) ७. सकलकीति ( १७५९ ई० ) ८. देवेन्द्र कीर्ति ( १८२४ ई० ) । २ मूलसंघ: - १७वीं व १८वीं शताब्दी में दिगम्बर सम्प्रदाय में यही सर्वाधिक लोकप्रिय संघ रहा। इसकी विभिन्न शाखाओं के कई आचार्यों ने मंदिर निर्माण, प्रतिमा निर्माण व यन्त्र प्रतिष्ठाएँ करवाई तथा अनेकों हस्तलिखित ग्रन्थों की 'प्रतिलिपियाँ तैयार करवा कर शास्त्र भण्डारों को समृद्ध किया । ईडर शाखा के उत्तर मध्यकालीन भट्टारक : १. रामकीर्ति १६०० ई० - १६१५ ई० २. पद्मनन्दी १६२६ ई० - १६४५ ई० ३. देवेन्द्रकीर्ति १६५६ ई०-१६६८ ई० ४. क्षेमकीर्ति १६७७ ई० ५. नरेन्द्रकीर्ति १७०५ ई० ६. विजयकीर्ति ७ नेमीचन्द्र ८ चन्द्रकीर्ति १७५५ ई० ९. रामकीर्ति १०. यशकीर्ति १८०६ ई० । १. भादि जैती, ४, पृ० १२४ । २. वही, पृ० १२४ । ३. वही । ४. जैसे स्कू, पृ० १०५ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002114
Book TitleMadhyakalin Rajasthan me Jain Dharma
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Jain Mrs
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages514
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size21 MB
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