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विषयानुक्रमणिका
अध्याय १ : साधन-स्रोत
१-१५ (अ) पुरातत्त्व :
(१) अभिलेख-(क) मन्दिरों के पुननिर्माण एवं प्रतिष्ठा सम्बन्धी लेख ३ (ख) प्रतिमा लेख ४ (ग) अनुदान सम्बन्धी लेख ४ (घ) ऐतिहासिक लेख ४ (ङ) संघ यात्रा सम्बन्धी लेख ५ (च) अन्य लेख (छ) अभिलेखों में प्रयुक्त सन्, संवत् ।
(२) मन्दिर मूर्तियां एवं स्मारक ६ (ब) साहित्य :
(१) साहित्यिक ग्रन्थ ७ (२) ऐतिहासिक कृतियां ८ (३) प्रशस्तियाँ ८ (४) पट्टावलियाँ १० (५) वंशावलियाँ ११ (६) तीर्थ मालाएँ और तीर्थ स्तवन १२ (७) सनद एवं पत्र १३ (८) विज्ञप्ति पत्र १३ (९) सचित्र हस्तलेख । (स) विदेशियों के द्वारा किया गया कार्य एवं वृत्तान्त १५ अध्याय २ : जैनधर्म की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि १६-७५ (अ) पूर्व मध्यकाल १६
(१) प्रतिहारों के अन्तर्गत जैनधर्म १७ (२) चौहानों के अन्तर्गत जैन धर्म १८ (३) चावड़ा तथा सोलंकी राजवंश के अन्तर्गत जैन धर्म २३ (४) परमार राजवंश के अन्तर्गत जैन धर्म २५ (५) हस्तिकुण्डी के राष्ट्रकूटों के अन्तर्गत जैन धर्म २६ (६) शूरसेन राजवंश के अन्तर्गत जैन धर्म २७ (७) मेवाड़ क्षेत्र में जैन धर्म २९ (८) दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में जैन धर्म ३० माड क्षेत्र में जैन धर्म ३२ । (ब) मध्यकाल ३३
(१) मेवाड़ में जैन धर्म ३४ (२) वागड़ प्रदेश में जैन मत ४० (३) हाड़ोती क्षेत्र में जैन धर्म ४३ (४) सिरोही राज्य में जैन मत ४४ (५) जैसलमेर क्षेत्र में जैन धर्म ४६ (६) जोधपुर और बीकानेर राज्यों में जैन मत ४८ (७) जयपुर राज्य में जैन धर्म ५० (८) अलवर राज्य में जैन धर्म ५२ ।
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