________________
xxiv
बौद्ध प्रमाण-मीमांसा की जैनदृष्टि से समीक्षा
३६८
अर्थकारणता एवं अर्थाकारता (अर्थसारूप्य) का निरसन
अकलङ्क ३६८ , विद्यानन्द ३७१ , वादिराज ३७२ , अभयदेवसूरि ३७३,
प्रभाचन्द्र ३७४ जैनमत में साकार ज्ञान समीक्षण
३७८
३७९
३८२
३८५
३९४
प्रमाणाभास परिशिष्ट (द्वितीय अध्याय) क परिशिष्ट (तृतीय अध्याय)- ख परिशिष्ट (चतुर्थ अध्याय)- ग ग्रन्थ-लेखकानुक्रमणिका विषयानुक्रमणिका सहायक ग्रन्थसूची
४१९
४२१
४३५
४३९
अष्टसहस्री (ज्ञा) द्वादशारनयचक्र (ज) प्रमाणवार्तिक (म.न) प्रमाणवार्तिक (स्ववृत्ति) Perception
संकेत अष्टसहस्री (अनुवाद - ज्ञानमती माताजी) द्वादशारनयचक्र (सम्पादन - मुनिजम्बूविजय) प्रमाणवार्तिक -मनोरथनन्दिवृत्ति प्रमाणवार्तिक (स्वार्थानुमानपरिच्छेद,स्वोपज्ञवृत्ति) Perception : an essay on classical Indian theories of Knowledge Pre-Dinnaga Buddhist Texts on Logic from Chinese Sources.
Pre-Dignaga Texts
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org