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समाधिमरण
अत्यन्त दुर्लभ है। अत: साधक को उनकी दुर्लभता का विचार करते हुए हमेशा यह प्रयास करना चाहिए कि बोधि प्राप्ति का यह जो स्वर्ण अवसर उपलब्ध हुआ है वह हाथों से निकल नहीं जाए।१६७
मरणविभक्ति के अनुसार जीव मानव पर्याय, अच्छा वंश, सुन्दर रूप, बल, श्रद्धा, दर्शन, ज्ञान आदि प्राप्त कर सकता है, लेकिन बोधि की प्राप्ति अत्यन्त दुर्लभ है।६८ सूत्रकृतांग में बोधि दुर्लभता का सन्देश देते हुए कहा गया है१६९- हे मनुष्यों! बोध को प्राप्त करो। बोध को प्राप्त क्यों नहीं करते हो? मृत्यु के बाद बोध प्राप्त करना अत्यन्त कठिन है, बीती हुई रात्रियाँ पुन: नहीं लौटती हैं और फिर मनुष्य जन्म मिलना भी दुर्लभ है।''
इस तरह हम देखते हैं कि बारह अनुप्रेक्षायें व्यक्ति को सांसारिकता से विमुख कर निवृत्तिमूलक साधना-पथ पर आगे बढ़ाने में सहायक होती हैं। इनकी सहायता से व्यक्ति उन समस्त भावों से मुक्त होने का प्रयास करता है जो बन्धन के कारण माने जाते हैं। उदाहरणस्वरूप सांसारिक वस्तुओं एवं अपने परिवार के प्रति रागभाव अथवा स्वयं अपने देह के प्रति ममत्व आदि रखना। इन सभी भावनाओं का लक्ष्य व्यक्ति को विषयवासनाओं से मुक्त कराना है।
अगर हम इन बारह अनुप्रेक्षाओं में से किसी भी एक अनुप्रेक्षा पर अलग-अलग ध्यान केन्द्रित करें तो यही पायेंगे कि प्रत्येक अनुप्रेक्षा व्यक्ति को बन्धन के कारणों से बचने के लिए सजग करती है। यथा-अनित्य-भावना जहाँ संसार के प्रत्येक पदार्थ की नश्वरता का बोध कराती है वहीं अन्यत्व-भावना जगत के सभी वस्तुओं को अपने से भिन्न या पर बताती है। इस भावना के अनुसार संसार में कुछ भी अपना नहीं है सभी पराये हैं। अशुचि-भावना व्यक्ति के देह को ही अपवित्र मानकर उसके प्रति राग-भाव त्याग करने पर बल देती है वहीं अशरण-भावना के अनुसार इस संसार के समस्त जीव असहाय हैं। संसार-भावना संसार के दुःखों का विवरण प्रस्तुत करती है और उसे दुःखमय बताती है। लोक-भावना लोक की रचना और स्वरूप पर प्रकाश डालते हए व्यक्ति को नरक योनि से मुक्ति प्राप्त करने का सन्देश देती है। बोधिदुर्लभ-भावना “बोधि' दुर्लभता का उल्लेख करती है और आस्रव, संवर, निर्जरा आदि भावना कर्मों का क्षय करके इस बोधि की प्राप्ति का उपाय बतलाती है। धर्म-भावना मन के क्लेशों से मुक्त होकर शान्त चित्त रहने का सन्देश देती है, जिससे बोधि प्राप्त करने में सहजता हो।
इस तरह हम देखते हैं कि प्रत्येक भावना का अपना अलग-अलग महत्त्व है, उनका अपना अलग सन्देश है, जिससे प्रभावित होकर व्यक्ति अपने तीव्र कषायों को
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