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१४८ : आचाराङ्ग का नोतिशास्त्रीय अध्ययन १०६. ऋग्वेद, ८१७८१५. १०७. आचारांग, १।९।१. १०८. श्री शिवकोटि आचार्य, मलाराधना ( भगवती आराधना ) अनु० पं०
जिनदास पार्श्वनाथ बलात्कारगण जैन पब्लिकेशन सोसायटी, कारंजा,
सन् १९३५, १९१६. १०९. उत्तराध्ययन ३२।१०१. ११०. वही ३२॥१००. १११. बद्धो हि को यो विषयानुरागी
को वा विमुक्ति विषय विरक्ति-शंकराचार्य । ११२. उत्तराध्ययन, ३२।२१. ११३. आचारांग, १।८८. ११४. समयसार, १५०. ११५. श्रीभद्रबाहुस्वामी, व्यवहारभाष्य, केशवलाल प्रेमचन्द्र, अहमदाबाद,
२।५४. ११६. दशवकालिक, २९५. ११७. गीता, १८१५१-५२. ११८. थेरीगाथा, १४।६७१, संयुक्तनिकाय, ४।३५।२३२, दीघनिकाय,
२।८३.
११९. आचारांग, १३२३. १२०. ऐतरेय आरण्यक ॥३॥२. १२१. उत्तराध्ययन, २३१५८, १११५. १२२. वही, २४।११. १२३. धम्मपद, ३॥१. १२४. मज्झिमनिकाय, २॥३५४४. १२५. धम्मपद, ३३३. १२६. ज्ञानाणंव, १८।११८, १२०. १२७. योगशास्त्र, ३६॥३९. १२८. अथर्ववेद, ४।३१।३. १२९. यजुर्वेद, अजमेर वैदिक यन्त्रालय, वि० सं० १९५६, ३४।६. १३०. श्वेताश्वतरोपनिषद् २/९. १३१. गीता, ६/३४-३५, ६/१४. १३२. आचारांग, १/४/४. १३३. वही, १/१/५. १३४. वही, १/१/५. १३५. श्रीवटेकराचार्य, मूलाचार, माणिकचन्द्र दिगम्बर जैनग्रंथमाला समिति, ___ हीराबाग, गिरगाँव, बम्बई, प्रथम आवृत्ति, वी०सं० २४४७, ना० ९९५. १३६. गीता, २/५९, ३/६. १३७. आचारांग, १/२/२, १/५/६. १३८. वही १/६/४. १३९. वही, १/६/४. १४०. वही, १/६/४. १४१. श्री टोडरमलजी, मोक्षमार्ग प्रकाशक, जिनवाणी प्रचारक कार्यालय
कलकत्ता, प्रथम आवृत्ति, सन् १९३९, म० ७. १४२. आचारांग, १/६/४. १४३. वही, १/६/४. १४४. वही, १/५/४. १४५. वही, १/५/१. १४६. वही, १/६/२ १४७. आचारांगचूर्णि, पृ० ६१. १४८. आचारांग १/२/२ १४९. दशवकालिक, २/२/३. १५०. गीता, ३/३३, :७/६.
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