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નિર્ચન્થ ઐતિહાસિક લેખ-સમુચ્ચય-૧
पाठान्तराणि :
१. (क) जनवृजिन, २. (ख) कंजनस्या, ३. कम्मा, ४. (क) मनसेभिनन्दन, ५. (क) रम्यडम्बरं, (ग) वनबन्धुरा भरण ऽम्बरंसुराः, ६. (ख) कौल्ये, ७. (क) मान्याः , ८. (ख) सुतुल्यम्, ९. (क) सदा, (ग) दरादा, १०. (क) श्चेति, ११. (ख) तैनो, १२. (ख) भव, १३. (क) क्रम, १४. (क) भ्यस्त, १५. (क) निरुपधि, १६. (क) रमतगुणगण, १७. (क) क्षुः, १८. (क) कुल, १९. (क) (ख) मधुरतां, २०. (क) दक्ष, २१. (ख) वर्म, २२. (ख) (ग) नाक (ग) नराजणः, २३. (क) मुक्तिद्वार, २४. (ख) निर्वाणश्रेणी, २५. (ख) (ग) स्त्य, २६. (क) त्वां, २७. (ख) जालकैः, २८. (क) स्मित, २९. (ख) कृष्णया, ३०. (क) (ग) भागे, ३१. (ख) स्त्र, ३२. (क) वृत्ति,
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