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________________ धर्मग्रन्थ इसके अतिरिक्त कर्ज न लेना भी धर्माचरण माना गया। 'कडमुण्डु वाळामै काण्डलिनिदे ( ऋणी न बनकर जीना ही हितकर है )-'इनिय नार्पदु'। संस्कृत प्रभाव ___ 'पतिनैण कील कणक्कु' संग्रह के ग्रंथों में संस्कृत के स्मृति तथा नीति-- ग्रंथों का प्रभाव भी पर्याप्त रूप में दिखाई देता है। इस संग्रह के एक ग्रन्थ 'पाचार कोवै' के रचयिता पॅरुवायिल मुलि के बारे में एक पद्यांश बताता है कि पुराने ग्रंथों एवं आचार्यों द्वारा प्राप्त किये सदाचारों को संगृहीत कर सुबोध भाषा में उक्त विद्वान् ने यह ग्रंथ लिखा। प्रचलित जन-प्रथाओं का वर्णन भी इसमें है। उदाहरणार्थ, भोजन आरम्भ करने के पूर्व हथेली पर जल लेकर 'परिषेचन' (थाली या पत्तल की मंडलाकार जलरेखा बनाना) करना आदि दैनन्दिनी आचार-प्रथाएं वर्णित हैं। संस्कृत के आचारग्रंथों में बताया गया है कि बिना परिषेचन किये खाने से, भोजन अपवित्र ही नहीं होता, बल्कि भूत-पिशाचादि उसके पोषक तत्त्व को ले जाते हैं। किन्तु तमिल के 'आचारकोवै' में बताया गया है, "बिना स्नान किये, पैर धोये और परि-. षेचन किये खाने पर भी इतना पाप नहीं, जितना केवल कुल्ला तक न करके खाने से लगता है।" इससे उक्त ग्रन्थकर्ता का आशय यह मालूम होता है कि केवल कुल्ला करके भोजन करना भी मान्य आचार ही होगा। अतः कुछ स्मृतियों तथा आचार ग्रन्थों के पूर्व ही इसकी रचना हो चुकी होगी, ऐसा लगता है। दायभाग के जो नियम स्मृतिग्रंथों में वर्णित हैं, उनको जैनाचार्यों ने भी अपने उन लघुग्रंथों द्वारा अनुकरणीय बताया है। ये नियम दक्षिण के लिए शायद जैनाचार्यों द्वारा ही संस्कृत से लाये गये मालूम होते हैं। जैनाचार्य कणि मेधावियार ने अपने ग्रन्थ 'एलादि' में दायभाग के बारे में जो नियम बताया है, उसका पद्य यह है "माण्डवर् माण्ड अरि विनाल मक्कळ प् पूण्यवर् पोट्रि पुरक्कुगाल-पूण्ड औरसने' कोतिरचन् कानीनन्। कूटन्। किरितन् पौनवन्' पेर्. १. औरस (पुत्र)। २. गोत्रज । ३. कानीन । ४. गूढपुत्र । ५. क्रीतपुत्र । ६. पुनर्भविक । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002100
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 7
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmbalal P Shah
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1981
Total Pages284
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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