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________________ पौराणिक महाकाव्य अर्थात् वह राजा उत्तर दिशा में तुरुष्क देश तक, पूर्व में गंगा नदी तक, दक्षिण में विन्ध्यगिरि तक और पश्चिम में समुद्र पर्यन्त पृथ्वी का शासन करेगा। काव्य और शब्दशास्त्र की दृष्टि से भी यह काव्य बड़े महत्त्व का है। यह प्रसाद-गुण व्याप्त है। अलंकारों और कवि-कल्पनाओं तथा शब्द-माधुर्य से व्याप्त है। इसमें सरल पर गौरव पूर्ण भाषा है। इस ग्रन्थ को पढ़ने से शब्दशास्त्र, छन्दशास्त्र, अलंकारशास्त्र, तत्त्वज्ञान, पौराणिक कथा, इतिहास आदि अनेक बातों की उपलब्धि एक साथ होती है। हेमचन्द्र के साथ कुमारपाल का प्रथम मिलन निम्न प्रकार बतलाया गया: एक समय वज्रशाखा और चन्द्रकुल में हुए आचार्य हेमचन्द्र उस राजा की दृष्टि में आवेंगे। आचार्य द्वारा जिनचैत्य में धर्मदेशना देते समय उनकी वन्दना करने के लिये अपने श्रावक मंत्री के साथ वह राजा आवेगा। तस्व को न जानता हुआ भी शुद्धभाव से आचार्य की वन्दना करेगा। पश्चात् उनके मुख से शुद्ध धर्मदेशना प्रीतिपूर्वक सुनकर वह राजा सम्यक्त्व पूर्वक अणुव्रत स्वीकार करेगा और पूर्णरीति से बोध प्राप्त कर श्रावक के आचार का पारगामी होगा। सोमप्रभकृत कुमारपाल प्रतिबोध के आरम्भ के कथानक के साथ यह वर्णन बहुत कुछ मिलता है। इसलिये ऐतिहासिक सत्य की दृष्टि से भी आचार्य के साथ कुमारपाल का सम्बन्ध वाग्भट जैसे जैन मंत्रियों की प्रेरणा से बहुत दृढ़ हुआ और जैनधर्म के प्रति उसका आध्यात्मिक भाव उनके सहृदय उपदेशों से व्याप्त हो गया। रचयिता और रचनाकाल-इसके रचयिता प्रसिद्ध आचार्य हेमचन्द्र हैं जिनके जीवन-चरित पर बहुविध सामग्री उपलब्ध होती है। उनके जीवन चरित पर पूर्व भागों में पर्याप्त प्रकाश डाला गया है। त्रि० श० पु० च० में बड़ी प्रशस्ति दी गई है जिससे ज्ञात होता है कि इस ग्रन्थ की रचना हेमचन्द्र ने चौलुक्य नृप कुमारपाल के अनुरोध से की थी।' सम्भवतः कुमारपाल के जैनधर्म स्वीकार करने के बाद उसके अनुरोध पर हेमचन्द्र १. पर्व १०, प्रशस्ति, पद्य १६-२०. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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