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________________ ४३, ऐतिहासिक साहित्य प्रभावकचरित: इस ग्रन्थ का परिचय हम पहले दे चुके हैं।' उसमें वर्णित २२ आचार्यों में से वीरसूरि, शान्तिसूरि, महेन्द्रसूरि, सूराचार्य, अभयदेवाचार्य, वीरदेवगणि, देवसूरि और हेमचन्द्रसूरि ये आठ गुजरात के चौलुक्यों के समय अणहिलपाटन में विद्यमान थे और कितने गुजरात के राजाओं के परिचय में आये थे और कितनों ने गुजरात के उत्कर्ष के लिए महत्त्वपूर्ण योग दिया था। इन आचार्यों के कतिपय कार्य-कलापों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि देने के लिए बहुत-से राजाओं की प्रसंगकथाएँ दी गई हैं जिनमें प्रमुख हैं : भोज, भीम प्रथम, सिद्धराज और कुमारपाल । भोज और भीम की प्रसंग-कथाओं में तो कोई ऐतिहासिक तथ्य नहीं है पर हेमचन्द्राचार्य का चरित सिद्धराज और कुमारपाल के राज्यों के विवरण के बिना सम्भव नहीं। इसलिए ऐतिहासिक दृष्टि से इस कृति का 'हेमचन्द्रसरिचरित' बहुत महत्व का है। वैसे इस कृति में गुजरात से लेकर बंगाल तक पूरे उत्तर भारत का पर्यवेक्षण प्रस्तुत किया गया है इसलिए यह विविध सूचनाओं की खानि है फिर भी इन सूचनाओं का उपयोग इतिहास में बड़ी शोध और जाँच-पड़ताल के साथ करना चाहिए। यदि इसका लेखक मौलिक कृतियों पर ही निर्भर होता, जैसा कि उसने बहुत हद तक किया है, तो भारतीय इतिहास के उपादानों में इसकी कीमत राजतरंगिणी से कम न होती बल्कि अधिक ही क्योंकि कल्हण की कृति केवल कश्मीर से सम्बन्धित है जब कि यह कृति पूरे उत्तर भारत से । परन्तु दुर्भाग्य से ऐतिहासिक सामग्री में बहुत-सी किंवदन्तियाँ और कहानियाँ मिला दी गई हैं, इससे उन सूचनाओं का बड़ी सावधानी से उपयोग करना चाहिए। उदाहरण के लिए 'बप्पभट्टिसूरिचरित' को ही लें। इसमें निम्नलिखित राजनीतिक इतिहास की सामग्री मिलती है। १. आम नागावलोक कन्नौज का राजा था। वह गौडराजा धर्मपाल का प्रतिद्वन्दी तथा भोज (मिहिर) का पितामह था। उसकी मृत्यु वि० सं०८९० में हुई थी। वह बप्पभट्टिसूरि का मित्र एवं शिष्य था। इसे हम गुर्जर प्रतिहारवंशी 'नागभट द्वितीय' मान सकते हैं । - १. देखें पृ. २०५. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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