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________________ कथा-साहित्य ३८१. अम्बडकथा-तेरहवीं शताब्दी में मुनिरत्नसूरिकृत संस्कृत गद्य-पद्यमय रचना' में अम्बड के साथ दी गई कथाओं में हम विक्रम की पञ्चदण्डच्छत्र, सिंहासनबत्तीसी तथा वेतालपंचविंशिका की कथाएँ जुड़ी पाते हैं। सम्भवतः १४-१५वीं शताब्दी में रचित विक्रमादित्य सम्बन्धी उक्त कथा रचनाओं में मुनिरत्नसूरिकृत अम्बडचरित का बड़ा प्रभाव हो ।' इस कथाग्रन्थ में अम्बड को गोरखयोगिनी के सात आदेश पाल कर धन, विद्या, ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त करते देखते हैं, जैसे विक्रमादित्य दामिनी जादूगरिन के पाँच आदेशों के पालन से चमत्कारी पञ्चदण्डच्छत्र पाता है। मुनिरत्नसूरि ने दो पद्यों में इस बात को व्यक्त भी किया है । भोज-मुंजकथा-विक्रमादित्य के जनाख्यान के समान ही जैन कवियों ने राजा मुंज और भोज को भी अपनी जनाख्यानप्रियता का विषय बनाया है। विक्रमादित्य सम्बन्धी सिंहासनद्वात्रिंशिका कथाओं को भोज की कथा से ही १. जिनरत्नकोश, पृ० १५; सत्यविजय ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक ११, सन् १९२८; इसका गुजराती अनुवाद 'अम्बड विद्याधर रास' नाम से वाचक मंगलमाणिक्य ने सं० १६३९ में तथा इसका सम्पादन प्रो० बलवन्तराव ठाकोर ने सन् १९५३ में किया। २. महावीर जैन विद्यालय सुवर्ण महोत्सव ग्रन्थ (१९६८ ई.) में पृ० ११७ १२३ में प्रकाशित सोमाभाई पारेख का गुजराती लेख 'आम्बडकथाना आन्तर प्रवाहो' । इस लेख में कथा का तुलनात्मक विवरण है। ३. यत्पुर्यामुज्जयिन्यां सुचरितविजयी विक्रमादित्यराजा वैतालो यस्य तुष्टः कनकनरमदाद्विष्टरं पुत्रिकाश्रिः । अस्मिन्नारूढ एवं निजशिरसि दधौ पञ्चदण्डात पत्रम् के वीराधिवीरः क्षितितलमनृणां सोऽस्मि संवत्सरङ्कः ।। ३६ ॥ इत्थं गोरखयोगिनीवचनतः सिद्धोऽम्बडः क्षत्रियः सप्तादेशवरा सकौतुकभरा भूता न वा भाविनः । द्वात्रिंशन्मितपुत्रिकादिचरितं यद् गद्यपद्येन तत् चक्रे श्रीमुनिरत्नसूरिविजयस्तद्वाच्यमानं बुधैः ॥ ३७ ॥ इत्याचार्यश्रीमुनिरत्नसूरिविरचिते अम्बडचरिते गोरखयोगिनीदत्तसप्तादेशकर-अम्बडकथानकं सम्पूर्णम् ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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