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________________ कथा-साहित्य ३५९ (अज्ञातकाल) तथा अज्ञातकर्तृक (सं० १६०४ ) रचनाएँ मिलती हैं।' गुजराती में साध्वी हेमश्री द्वारा रचित कनकावतीआख्यान (सं० १६४४) मिलता है। शोलचम्मकमाला-इसमें धनहीन को दान देने के माहात्म्य पर चम्पकमाला की कथा दी गई है। कर्ता का नाम अज्ञात है। कुन्तलदेवीकथा-गवरहित दान देने के प्रसंग में कुन्त देवी का कथानक दानप्रदीप (सं० १४९९ ) में आया है । इसी को किसी लेखक ने स्वतंत्र रचना के रूप में संस्कृत श्लोकों में लिखा है पर रचनासंवत् ज्ञात नहीं है। अच्चकारिभटिकाकथा-उपदेशप्रासाद में उक्त कौतुकपूर्ण कथा आई है। उसी पर एक अज्ञातकर्तृक रचना मिलती है। मृगसुन्दरीकथा-श्रावकधर्म की दशविध क्रियाओं को यत्नपूर्वक पालने के लिए मृगसुन्दरी की कथा दृष्टान्तरूप में कही गई है। इस पर अनेक ग्रन्थों के लेखक कनककुशलगणि ने सं० १६६७ में एक कृति लिखी है। एक दूसरी अशातकर्तृक रचना का भी उल्लेख मिलता है। गुजराती में भी इस कथा पर रचनाएँ हैं। शीलसुन्दरीशोलपताका-इसमें शीलतरंगिणी ग्रन्थ में वर्णित शीलसुन्दरी की कथा दो गई है जिसमें चतुर्विध आहार का त्यागकर संयमपालन से अपने जन्म का उद्धार करनेवाली शीलसुन्दरी नायिका है। गुजराती में शीलसुन्दरीरास भी मिलता है। सुभद्राचरित-इसमें सागरदत्त द्वारा जैनधर्म स्वीकार कर लेने पर सुभद्रा के माता-पिता ने उसका विवाह उससे कर दिया । यहाँ सास-बहू तथा जैन बौद्ध १. जिनरत्नकोश, पृ० ६७. २. जैन गुर्जर कविमो, भाग १, पृ. २८६. .. जिनरत्नकोश, पृ० ३८४. १. वही, पृ० ९.. ५. वही, पृ० २. ६. वही, पृ० ३१३. ७. वही, पृ० ३८५. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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