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________________ कथा-साहित्य ३०९ प्रकार के साहस के कार्य करता है और दुःखों से पार होता हुआ पग-पग में ऋद्धि-सिद्धि पाता है। धर्मकथा की दृष्टि से बतलाया गया है कि जीवन में उसे जो बीच-बीच में दुःख आये वे पूर्वभव के दुष्कर्म के कारण आये और जो सफलताएँ मिली उसका कारण मुनियों को वस्त्रदान देना था। ___ इस कथा को लेकर कई लेखकों की रचनाएँ मिलती हैं। संस्कृत श्लोकों में प्रथम कृति तपागच्छीय सोमसुन्दर के शिष्य जिनकीर्तिकृत' है और दूसरी सोमसुन्दर के प्रशिष्य एवं रत्नशेखर के शिष्य सोममंडनगणिकृत है।' पट्टावली के अनुसार सोमसुन्दर को वि० सं० १४५७ में सूरिपद मिला था इससे ये रचनाएँ १५वीं सदी के अन्तिम दशकों की होनी चाहिए । इसी विषय की एक अन्य कृति शुभशीलगणिकृत पाई जाती है। चतुर्थ रचना १६वीं शताब्दी के खरतरगच्छीय भक्तिलाभ के शिष्य चारुचन्द्रकृत है जिसमें ६८६ श्लोक सरल भाषा में हैं। इसमें ग्रन्थान्तरों से उद्धत बीच-बीच में प्राकृत पद्य भी आ गये हैं। अनेक अवान्तर कथाएँ भी संक्षेप में दी गई हैं । इसी कथा का अज्ञातकर्तृक संस्कृत गद्य में रूपान्तर भी मिलता है। जर्मन विद्वान् वेबर ने सन् १८८४ में इसका सम्पादन और जर्मन भाषा में अनुवाद भी किया है। १९वीं शताब्दी के खरतरगच्छीय विनीतसुन्दर के शिष्य सुमतिवर्धन ने भी इस कथा पर एक पद्यात्मक रचना लिखी है।' भीमसेननृपकथा-पंचपांडवों से अतिरिक्त जैन कथानकों में कई भीमसेन के चरित्र वर्णित हैं। धनेश्वरसूरिकृत शत्रुञ्जयमाहात्म्य में भी एक भीमसेनचरित्र आया है और यशोदेवकृत धर्मोपदेशप्रकरण (वि० सं० १३०५) में एक अन्य भीमसेन नृप का चरित्र आया है। संस्कृत में स्वतंत्र रचना के रूप में अज्ञातकर्तृक तीन कृतियों का उल्लेख मिलता है। बीसवीं सदी में उक्त दोनों १-३. वही, पृ० ४१. ४. जिनरत्नकोश, पृ० ४१, हीरालाल हंसराज, जामनगर, १९२२; वर्धमान सत्यनीति हर्षसूरि जैन ग्रन्थमाला, पुष्प १५. ५. वही, पृ० ४२. ६. मणिधारी जिनचन्द्रसूरि अष्ठम शताब्दी ग्रन्थ, द्वितीय खण्ड, पृ० २६. ७. जिनरस्नकोश, पृ० २९७. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002099
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchandra Chaudhary
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1998
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, Kavya, & Story
File Size11 MB
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