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कथा-साहित्य
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उच्चकोटि की अनेकों रचनायें मिलती हैं। यशोधरचरित पर ज्ञात संस्कृत प्राकृत ग्रन्थों की तालिका इस प्रकार है :१ । १. यशोधरचरित प्रभंजनकृत (कुवलयमाला में उल्लेख) हरिभद्रसूरि की समराइचकहा
चतुथभव ( ९वीं शताब्दी) ३. यशोधर-चन्द्रमति- हरिषेण-वृहत्कथाकोश (१०वीं शता०)
कथानक ४. यशस्तिलकचम्पू सोमदेव
( १०वीं शता०) ५. यशोधरचरित वादिराज
(११वीं शता०) मल्लिरेण माणिक्यसूरि
(सं० १३२७-१३७५) वासवसेन
(सं० १३६५ से पहले) पद्मनाभ कायस्थ
(सं० १४०२-१४२४) देवसूरि
(अज्ञात) भट्टारक सकलकीर्ति
(पन्द्रहवीं का मध्य ) भट्टारक कल्याणकीर्ति
(सं० १४८८) भट्टा० सोमकीर्ति
(सं० १५३६) भट्टा० पद्मनन्दि
(१६वीं शता० ) भट्टा० श्रुतसागर ब्रह्म० नेमिदत्त हेमकुंजर उपाध्याय (सं० १६०७ के पहले) ज्ञानदास (लुकागच्छ) (सं० १६२३) पद्मसागर (तपागच्छीय धर्मसागर के शिष्य) (लग० सं० १६५०) भट्टा० वादिचन्द्र
(सं० १६५७) भट्टा ज्ञानकीर्ति
(सं० १६५९) पूर्णदेव
(अज्ञात) (गद्य) क्षमाकल्याण
(सं० १८३९) २४. ,, (प्राकृत) मानदेवेन्द्र
२२.
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१. जिनरत्नकोश, पृ० ३१८-३२०, ४६६.
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