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नीतिशास्त्र
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इस ग्रंथ में धर्मानुसारी राजनीति का उपदेश दिया गया है। जैनागमों में निर्दिष्ट हाकार, माकार आदि सात नीतियाँ और आठवाँ द्रव्यदण्ड आदि भेद प्रकाशित किये गये हैं। कामन्दकीय-नीतिसार :
उपाध्याय भानुचन्द्र के शिष्य सिद्धिचन्द्र ने 'कामन्दकीय-नीतिसार' नामक ग्रन्थ का संकलन किया है। इसकी ३९ पत्रों की प्रति अहमदाबाद के देवसा के पाडे में स्थित विमलगच्छ के भंडार में है। जिनसंहिता .. मुनि जिनसेन ने 'जिनसंहिता' नामक नीतिविषयक ग्रन्थ रचा है । इस ग्रन्थ में ६ अधिकार हैं : १. ऋणादान, २. दायभाग, ३. सीमानिर्णय, ४. क्षेत्रविषय, ५. निस्स्वामिवस्तुविषय और ६. साहस, स्तेय, भोजनादिकानुचित व्यवहार और सूतकाशौच । राजनीति:
देवीदास नामक विद्वान् ने 'राजनीति' नामक ग्रंथ की प्राकृत में रचना की है। यह ग्रन्थ पूना के भांडारकर इन्स्टीटयूट में है।
१. यह ग्रंथ गुजराती अनुवाद के साथ प्रकाशित हुआ है। २. देखिए-केटेलोग ऑफ संस्कृत एण्ड प्राकृत मेन्युस्क्रिप्ट्स इन सी० पी०
एण्ड बरार, पृ० ६४४.
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