SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 272
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मायुर्वेद २३१ माघराजपद्धति: __ माघचन्द्रदेव ने 'माघराजपद्धति' नामक १०००० श्लोक-प्रमाण ग्रंथ रचा है। यह ग्रंथ भी देखने में नहीं आया है। आयुर्वेदमहोदधि : सुषेण नामक विद्वान् ने 'आयुर्वेदमहोदधि' नामक ११०० श्लोक-प्रमाण ग्रंथ का निर्माण किया है । यह निघण्टु-कोशग्रंथ है । चिकित्सोत्सव: ___ हंसराज नामक विद्वान् ने 'चिकित्सोत्सव' नामक १७०० श्लोक-प्रमाण ग्रंथ का निर्माण किया है । यह ग्रन्थ देखने में नहीं आया है। निघण्टुकोश : आचार्य अमृतनंदि ने जैन दृष्टि से आयुर्वेद की परिभाषा बताने के लिये 'निघुण्टुकोश' की रचना की है। इस कोश में २२००० शब्द हैं। यह सकार तक ही है । इसमें वनस्पतियों के नाम जैन परिभाषा के अनुसार दिये हैं । कल्याणकारक: आचार्य उग्रादित्य ने 'कल्याणकारक' नामक आयुर्वेदविषयक ग्रंथ की रचना की है, जो आज उपलब्ध है। ये श्रीनंदि के शिष्य थे। इन्होंने अपने ग्रंथ में पूज्यपाद, समंतभद्र, पात्रस्वामी, सिद्धसेन, दशरथगुरु, मेघनाद, सिंहसेन आदि आचार्यों का उल्लेख किया है। 'कल्याणकारक' की प्रस्तावना में ग्रंथकार का समय छठी शती से पूर्व होने का उल्लेख किया गया है परन्तु उग्रादित्य ने ग्रंथ के अन्त में अपने समय के राजा का उल्लेख इस प्रकार किया है : इत्यशेषविशेषविशिष्टदुष्टपिशिताशिवैद्यशास्त्रेषु मांसनिराकरणार्थमुप्रादिस्याचार्येण नृपतुङ्गवल्लभेन्द्रसभायामुद्घोषितं प्रकरणम् । नृपतुङ्ग राष्ट्रकूट अमोघवर्ष का नाम था और वह नवीं शताब्दी में विद्यमान था। इसलिये उग्रादित्य का समय भी नवीं शती ही हो सकता है। परन्तु इस ग्रंथ में निरूपित विषय की दृष्टि आदि से उनका यह समय भी ठीक नहीं जचता, क्योंकि रसयोग की चिकित्सा का व्यापक प्रचार ११ वी शती के बाद ही मिलता है । इसलिये यह ग्रंथ कदाचित् १२ वीं शती से पूर्व का नहीं है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002098
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhujbal Shastri, Minakshi Sundaram Pillai
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1993
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Literature, & Grammar
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy