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________________ जैन साहित्य का बृहद् इतिहास कथन के लिए किस तरह गिनती करनी चाहिए यह भी इसमें कहा गया है। मृत्यु, जय, पराजय एवं गर्भिणी को होनेवाले प्रसव के बारे में भी कई बातें आती है। नवें अधिकार में मनुष्यों को वश में करने के लिए किन-किन औषधों का उपयोग करके तिलक कैसे तैयार करना, स्त्री को वश में करने का चूर्ण, उसे मोहित करने का उपाय, राजा को वश में करने के लिए काजल कैसे तैयार करना, कौन-सी औषधि खिलाने से खानेवाला पिशाच की भाँति बरताव करे, अदृश्य होने की विधि, वीर्य-स्तम्भन एवं तुला-स्तम्भन के उपाय, स्त्री में द्राव उत्पन्न करने की विधि, वस्तु के क्रय-विक्रय के लिए क्या करना तथा रजस्वला एवं गर्भधारण से मुक्ति प्राप्त करने के लिए कौन-सी औषधियाँ लेनी चाहिएइस प्रकार विविध बातें बतलाई गई हैं। दसवें अधिकार में निम्नलिखित आठ बातों के वर्णन की प्रतिज्ञा की गई है और उनका निर्वाह भी किया गया है : १. साँप द्वारा काटे गये व्यक्ति को कैसे पहचानना । ( संग्रह) २. शरीर के ऊपर मंत्र के अक्षर किस तरह लिखना । ( अंगन्यास) ३. साँप द्वारा काटे गये व्यक्ति का कैसे रक्षण करना । ( रक्षा-विधान ) ४. दंश का आवेग कैसे रोकना । ( स्तम्भन-विधान ) ५. शरीर में चढ़ते हुए जहर को कैसे रोकना । ( स्तम्भन-विधान ) ६. जहर कैसे उतारना । (विषापहार ) ७. कपड़ा आदि आच्छादित करने का कौतुक । ( सचोद्य ) ८. खड़िया मिट्टी से आलिखित साँप के दाँत से कटवाना । (खटिकासर्प कौतुकविधान ) इस अधिकार में 'भेरण्डविद्या' तथा 'नागाकर्षण' मंत्र का उल्लेख है। इसके अतिरिक्त इस अधिकार में आठ प्रकार के नागों के बारे में इस प्रकार जानकारी दी गई है : नाम : अनन्त वासुकि तक्षक कर्कोटक पद्म महापद्म शंखपाल कुलिक कुल : ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र शूद्र वैश्य क्षत्रिय ब्राह्मण वर्ण : स्फटिक रक्त पीत श्याम श्याम पीत रक्त स्फटिक विष : अग्नि पृथ्वी वायु समुद्र समुद्र वायु पृथ्वी अग्नि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002097
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Mehta, Hiralal R Kapadia
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Canon, Agam, Karma, Achar, & Philosophy
File Size14 MB
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