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________________ उत्तराध्ययन १४५ (उ) शान्तिसूरिविहित शिष्यहिता टीकासहित-देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार, बम्बई, सन् १९१६-१७. (ऊ) भावविजयविरचित वृत्तिसहित-जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, वि० सं० १९७४; विनयभक्तिसुन्दरचरण ग्रन्थमाला, बेणप, वी० सं० २४६७-२४८५. (३) कमलसंयमकृत टीका के साथ-यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, भावनगर, सन् १६२७. ' (ए) नेमिचन्द्रविहित सुखबोधा वृत्तिसहित-आत्मवल्लभ ग्रन्थावली, वलाद, अहमदाबाद, सन् १९३७. (ऐ) गुजराती अर्थ एवं कथाओं के साथ ( अध्ययन १-१५)-जैन प्राच्य विद्याभवन, अहमदाबाद, सन् १९५४. (ओ) हिन्दी अनुवादसहित-अमोलकऋषि, हैदराबाद, वी० सं० २४४६, रतनलाल डोशी, सैलाना, वी० सं० २४८९, घेवरचन्द्र बांठिया, बीकानेर, वि० सं० २०१०. (औ) भूल-R. D. Vadekar and N. V. Vaidya, Poona, 1954; शान्तिलाल व. शेठ, ब्यावर, वि० सं० २०१०; हीरालाल हंसराज, जामनगर, सन् १९३८, जीवराज घेलाभाई दोशी, अहमदाबाद, सन् १९११. (9) संस्कृत व्याख्या व उसके हिन्दी-गुजराती अनुवाद के साथ मुनि घासीलाल, जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, सन् १९५९-१९६१. (अ) गुजराती अनुवाद एवं टिप्पणियों के साथ (अध्ययन १-१८) गुजरात विद्मासभा, अहमदाबाद, सन् १९५२. (क) हिन्दी टीकासहित-उपाध्याय आत्मारामजी, जैन शास्त्रमाला कार्यालय, लाहौर, सन् १९३९-४२. - (ख) हिन्दी अनुवाद-मुनि सौभाग्यचन्द्र (सन्तबाल), श्वे० स्था० जैन कोन्फरेंस, बम्बई, वि० सं० १९९२. (ग) गुजराती छायानुवाद-गोपालदास जीवाभाई पटेल, जैनसाहित्य प्रकाशन समिति, अहमदाबाद, सन् १९३८. (घ) चूर्णि के साथ, रतलाम, सन् १९३३. (ङ) गुजराती अनुवाद, संतबाल, अहमदाबाद. (च) टीका, जयन्तविजय, आगरा, सन् १९२३. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002095
Book TitleJain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1966
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Canon, & Agam
File Size15 MB
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