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________________ १४३ परमल्ल - पार्श्वदास होते।२३७ परमल्ल (दिगम्बर कवि) रचना श्रीपाल चरित्र भाषा, हिन्दी । आदि- सिद्ध चक्र विधि केवल रिद्ध, गुन अनंत फल जाकी सिद्धि, प्रणमों बंरम सिद्धि गुरु सोई, भवि संघ ज्यों मंगल होई। अंत- तहां कथा अह पूरन भई, कवि परमल्ल प्रगट करि कई। अल्प बुद्धि मै कियो बषांन, फेर सवारो गुन पट जान। x x x x x x अरु जो नरनारी व्रत करें, सो चहुं गति को भार मन हुरै, भव्यन को उपदेश बताय, निहचै सो नर मुकती जाय।२३८ इसमें रचनाकाल नहीं है पर जै० मु० क० के प्रथम एवं नवीन संस्करण में इसे १९वीं शती में स्थान दिया गया है। मैने भी उसी का अनुशरण किया है। पार्श्वदास (१९वीं २०वीं शती के लेखक) रचनायें-'पारसविलास' और ज्ञान सूर्योदय नाटक की वचनिका आदि का परिचय दिया जा रहा है। ये जयपुर निवासी ऋषभदास निगोत्या के पुत्र थे। इनके दो बड़े भाई थे मानचंद और दौलतराम। पं० सदासुखलाल के संपर्क से इनका झुकाव परमार्थ तत्त्व और शास्त्रपठन की तरफ हुआ। इन्होंने जयपुर स्थित शांतिनाथ के बड़ा मंदिर में बैठकर साधना और अध्यवसाय किया। इनके प्रमुख शिष्य बख्तावर कासलीवाल थे। पार्श्वदास अपने अन्तिम समय में अजमेंर रहने लगे थे और वही सं० १९३६ वैशाख शुक्लपंचमी को इन्होंने समाधिमरण लिया। इनकी समस्त रचनायें पारसविलास' में संकलित है। इन ग्रंथों की अपेक्षा इनकी काव्य प्रतिभा का अच्छा प्रकाश इनकी पद रचनाओं में प्रकट हुआ है। ४३ विभिन्न राग रागनियों में आबद्ध इनके ४२५ पदों में अध्यात्म, भक्ति, दर्शन, नीति आदि विविध विषयों की मार्मिक अभिव्यंजना हुई है। इनके पदों का संग्रह 'पार्श्वदास पदावली' नाम से दिगंबर, जैन समाज अमीरगंज टोक द्वारा प्रकाशित कराया गया है। ढूढ़ाण के जैन कवियों में जोधराज और पार्श्वदास के सवैये बड़े मनोहारी बन पड़े हैं। सवैया छंद का प्रयोग प्राय: दरबारी कवियों ने शृंगार रस तथा संतकवियों ने आध्यात्म एवं नीति विषयक वर्णन में किया है। संत सुंदरदास की तरह इन जैन कवियों ने अपने सवैयों में आत्मतत्त्व Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002093
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1999
Total Pages326
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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