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________________ अज्ञात कवियों द्वारा रचित कृतियाँ ६०५ अज्ञात कवियों द्वारा रचित कृतियों का विवरण 'नागिल सुमतिरास'-(१०७ कड़ी सं० १६४०) का प्रारम्भ वीर जिणेसर पाअनमी, पूछइ गोयम स्वामी, किम सुमति भव मांहि भम्यो, नागिल किमसिवठाणि । कुगुरु संग सुमति किउ, तू भव भम्यो अनन्त, नागिल ते पुण परिहरिउ, जुओ पाम्यो भव अन्त । रचनाकाल--संवत सोलच्यालइ वली रास रच्यु उदारु रे, भणइ गुणइ जे सांभलइ तेह लही सुखदारु रे ।' 'धर्मबुद्धि पापबुधि चौपाई' (सं० १६०८ से पूर्व) __ इसका कोई उद्धरण उपलब्ध नहीं हो सका। 'मालवी ऋषिनी संझाय अथवा गीत' (सं० १६१६ भाद्र ५, देवास) आदि गोयम गणहर ग्यानवंत, मुनिवर चउदसहस ऋषि मूल गुले, तास तणा पयअनमी क्रोध लोभ, उपशमी अ कवित्ति इंद्रभूतिऊलगूओ। रचना स्थान एवं समय मालव देश माध्य देवास गाम, निधि जेहनी परसिद्धि जणीइ अ, तेहनउ देसघणी ऋद्धि छइ जांस घणी, शिल्लादीन राय वखाणीइ । संवत रे सोल वली सोलोत्तरइ रे गायु भाद्रव मासि, पंचमी दिनइ रे, भणतां रे सुणतां सुख सवि संपजइ रे, श्री संघनइ जइकर, अकइमनिइरे । अहवउगिरु उ रे मालवी ऋषिवर राजिउरे । १. जैन गुर्जर कविओ भाग ३ ५० ६५३ (प्रथम संस्करण) और भाग २ पृ० १८ (द्वितीय संस्करण) २. वही भाग ३ पृ० ६५९ (प्रथम संस्करण) और भाग २ पृ० ४२ (द्वितीय संस्करण) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002091
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1993
Total Pages704
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size10 MB
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