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________________ धर्महंस २५१ संयसरत्नसूरि ने क्रियोद्धार किया, स्वयं संयमव्रत का निष्ठा पूर्वक पालन करते थे और अनेक लोगों को संयम-नियम पूर्ण जीवन यापन के लिए प्रेरित किया। इसकी अन्तिम पंक्तियाँ इस प्रकार हैं : आगमगछ गिरुआ गच्छनायक, श्री विवेकरत्न सूरिसर, तास पट्टि उदयाचलि दिनकर, षटजीव आधार । चरणसेवक इम विनवइ रे धर्महंस कर जोडि, अवर जिको बली साधु छइ रे, प्रणमूतेहनइ नितकरजोडि ।' इस रचना की निश्चित तिथि ज्ञात नहीं है किन्तु यह निश्चय ही १७ वीं शताब्दी की रचना है। इसमें साहित्य रस और धर्मोपदेश का सुन्दर समन्वय साहित्योपयोगी भाषा शैली में सुलभ है। नवीनसंस्करण के संपादक ने भी श्री देसाई की तरह इनके गुरु का नाम संयमरत्न बताया है जो रास देखने पर गलत ठहरता है। इनके गुरु विनयमेरु ही हैं। ___नर्षिगणि (नगा ऋषि)-आप तपागच्छीय आचार्य हीर विजय सूरि की परंपरा में कुशलवर्द्धन के शिष्य थे। आप संस्कृत के विद्वान् थे और आपने संस्कृत में दण्डकावचूरि की रचना की है। इसमें अपनी गुरु परम्परा का विवरण देते हुए इन्होंने बताया है विजयसेन सूरि युवराज्ये सकल पण्डित सभारंजन, श्री उदयवर्द्धन तच्छिष्य कुशलवर्द्धन, तच्छिष्य नगर्षिगणि ।' आपने स्थानांगसूत्र पर स्थानांगदीपिका नामक वृत्ति सं० १६५७ में लिखी। पुरानी हिन्दी या मरुगुर्जर में भी आपने प्रभूत साहित्य रचा है, यथा-सिद्धपुर जिन चैत्यपरिपाटी स्तवन सं० १६४१, रामसीतारास सं० १६४९, अल्पबहुत्वविचारगभित स्तवन, चतुर्विंशतिजिन सकल भव वर्णन स्तवन सं० १६५७, वडलीमंडन वंध हेतु भितवीरजिनविनति स्तवन सं० १६९८ से पूर्व इत्यादि । श्री देसाई ने सिद्धपुर जिन चैत्यपरिपाटी स्तवन को कुशलवर्धन के नाम से जैन गुर्जर कविओ के भाग ११० २६८ पर दिखाया है जबकि कवि ने स्वयं लिखा है “कवि कुशलवर्धन सीस पभणइ" इसी प्रकार बंध हेतु गभित वीर जिन स्तवन में भी कवि कुशलवर्धन सीस पभणइ, नगागणिा १. जैन गुर्जर कविओ भाग २ पृ० ११८ (द्वितीय संस्करण) २. जैन गुर्जर कविओ भागा २ पृ०. १८७ (द्वितीय संस्करण), Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002091
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1993
Total Pages704
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size10 MB
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