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________________ १८६ मरु-गुर्जर जैन साहित्य का बृहद् इतिहास मन धरि सरस्वती स्वामिनी, प्रणमी गोयम पाय, गुण गाइस सहगुरु तणा चरिय प्रबन्ध उपाय 1919 अन्तिम ६१ वीं गाथा इस प्रकार है श्री जिनमेरु सूरीन्द्र पाटे जिनगुणप्रभु सूरि गुरो, तसु धवल जिनेसर सूरि जंपे ऋद्धि वृद्धि शुभंकरो । इसमें खरतर बेगड़ शाखा का पट्टानुक्रम दिया गया है - जिनशेखर, जिनधर्म, जिनचंद्र, जिनमेरु और गुणप्रभ सूरि तक नाम गिनाये गये हैं । गुणप्रभ सूरि ने ९० वर्ष की आयु होने पर सं० १६५५ वैशाख शुक्ल नवमी को अनशनपूर्वक शरीर त्याग किया था, इसलिए यह रचना इससे कुछ बाद ही रची गई होगी। इससे पता लगता है कि सं० १५७२ में जिनमेरु सूरि का स्वर्गवास होने पर मंडलाचार्य जयसिंह सूरि ने भट्टारक पद के लिए छाजहड़ गोत्रीय व्यक्ति की तलाश शुरू की । अन्त में नागिल दे के पुत्र वच्छराज ने अपने पुत्र भोज को समर्पित किया जिसका जन्म सं० १५६५ और दीक्षा सं० १५७५ में हुई थी । इन्हें सं० १५८२ में जिनमेरु के पट्ट पर श्री गुणप्रभसूरि के नाम से श्री पुण्यप्रभ ने सूरिमंत्र देकर पट्टाभिषिक्त किया । आप चमत्कारी पुरुष थे । वंदियों को मुक्त कराना, वर्षा कराना आदि इनके कई असाधारण कार्यों का इस प्रबन्ध में उल्लेख किया गया है । काव्यत्व की दृष्टि से यह सामान्य रचना है । 1 जिनोदय सूरि ( आनंदोदय ) - खरतरगच्छ के भावहर्षसूरि > जिनतिलकसूरि > जयतिलकसूरि आपके गुरु थे । आचार्य पद से पूर्व आपका नाम आनंदोदय था । इसी नाम से आपने कयवन्ना चौढ़ालिया ( गाथा ५१ सं० १६६२), विद्याविलास चौपइ (सं० १६६२ बालोतरा ) और पार्श्वनाथ दसभव स्तवन ( गाथा ४९ ) की रचना की थी । आचार्य पद प्राप्ति के पश्चात् सं० १६६९ में आपने प्रसिद्ध कृति 'चंपकसेन चौपाई या वृद्धदन्त सुधदन्त रास' लिखा । हंसराज वच्छराज रास सं १६८० में लिखी गई लोकप्रिय रचना है । यह प्रकाशित है । इनके १. जैन गुर्जर कविओ भाग ३ पृ० ११८ ( द्वितीय संस्करण) और भाग ३ खण्ड २ पृ० १५१५ ( प्रथम संस्करण ) २. ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह पृ० ४२३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002091
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1993
Total Pages704
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size10 MB
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