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________________ मरु-गुर्जर जैन साहित्य का बृहद् इतिहास सुमिरि सरस्वति श्री जिन उद्भव, सिद्ध कवित सुभ बानी हो । गन गन्धर्व जत्थ मुनि इन्द्रनि, तीनि भुवन जन मानी हो । " त्रेपन क्रिया की रचना ब्रह्म गुलाल ने गढ़गोपाचल में की थी अर्थात् ग्वालियर में की थी किन्तु वे वहाँ के रहने वाले नहीं थे । त्रेपन क्रिया की अन्तिम पंक्तियाँ इस प्रकार है ब्रह्म गुलाल विचारि बनाई गढ़ गोपाचल थान, छत्रपती चहुँ चक्र विराजै साहि सलेम मुगलाने । ए त्रेपन विधि करहुँ, क्रिया भवि पाय समूहनि चूरे हो, सोरह से पैसठ संवच्छर कातिग तीज अंधियारे हो, भट्टारक जगभूषण चेला ब्रह्म गुलाल विचारे हो । १४२ कृपण जगावनहार – इस कविता में कृपण की कथा के साथ भक्ति रस की भी अभिव्यक्ति हुई है । क्षयंकरी और लोभदत्त दोनों कृपण हैं । उनकी दुर्दशा का कारण जिनेन्द्र की भक्ति से विमुखता ही है । कृपण सेठ लोभदत्त की दोनों पत्नियाँ कमला और लच्छा जिनेन्द्र-भक्त थीं । जैन मुनियों को श्रद्धापूर्वक आहार देने से उन्हें आकाशगामिनी और बन्ध मोचनी विद्यायें प्राप्त हुई थीं । सेठ रत्नों के लोभ में विमान में बैठा परन्तु विमान का वह भाग मार्ग में फट गया और सेठ मर गया । कुछ पंक्तियाँ देखिये -- प्रतिमा कारण पुण्य निमित्त, बिनु कारण कारज नहि मित्त प्रतिमा रूप परिणवे आपु, दोषादिक नहिं व्यापै पापु । क्रोध लोभ माया बिनु मान, प्रतिमा कारण परिणवै ज्ञान, पूजा करत होइ यह भाउ, दर्शन पाये गलै कषाउ । १. डॉ० प्रेम सागर जैन - हिन्दी जैन भक्ति काव्य और कवि पृ० १४८ २. डाँ० कस्तूरचंद कासलीवाल ने प्रशस्ति संग्रह पृ० २१ पर इन्हें जिला ग्वालियर का निवासी कहा है । उनका गोपाचल का अर्थ ग्वालियर ही लिया जाना चाहिए किन्तु डॉ० प्रेमसागर जैन ने हिन्दी जैन भक्ति काव्य पृ० १४६ पर भिन्न विचार व्यक्त किया है और उन्हें आगरा के टापू ग्राम का निवासी प्रमाणित किया है । ३. कस्तूर चंद कासलीवाल - प्रशस्ति संग्रह पृ० २१९-२२० ४. डॉ० प्रेमसागर जैन - हिन्दी जैन भक्ति काव्य और कवि पृ० १४९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002091
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1993
Total Pages704
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size10 MB
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