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________________ सहायक ग्रन्थ-सूची प्राचीन ग्रन्थ अपभ्रंशकाव्यत्रयी (अपभ्रंश)-जिनदत्तसूरि, संपा० पं० लालचंद भगवान दास गांधी, बडोदरा, १९२७ ई० आइन-ए-अकबरी- अबुज फजल, अंग्रेजी अनुवादक एच० डलोचमैन, कलकत्ता, १९३९ ई० आबूरास- पाल्हणपुत्र, राजस्थानी, भाग ३, अंक १ में प्रकाशित उक्तिव्यक्तिप्रकरण-पं० दामोदर अमितिभवप्रपञ्चकथा- सिद्धर्षि, बम्बई १९२० ई० कल्पप्रदीप अपरनाम विविधतीर्थकल्प-जिनप्रभसूरि, संपा. जिनविजय, कलकत्ता १९३४ ई० कादम्बरी-बाणभट्ट, संपा० काशीनाथ पाण्डुरङ्ग परब, बम्बई १८९० ई० कान्हडदेप्रबन्ध-पद्मनाभ, संपा० कान्तिलाल बलदेवराम व्यास, जयपुर, १९५३ ई. काव्यमीमांसा-राजशेखर, हिन्दी अनुवाद सहित, अनुवादक-गंगासागर राय __वाराणसी, १९६४ ई० कुमारपालप्रतिबोध-सोमप्रभाचार्य, संपा० जिनविजय, बडोदरा, १९२२ ई० कुवलयमालाकहा-उद्योतनसूरि, संपा० आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये, बम्बई, १९५९-७० ई० गोडवहो-वाक्पतिराज, पूना, १९२७ ई० जसहरचरिउ-पुष्पदन्त, संपा० पी० एल० वैद्य, कारंजा, १९३१ ई० जिनदसचरिउ-राजसिंह अपरनाम रल्ह, संपा० माताप्रसाद गुप्त एवं कस्तूरचन्द कासलीवाल, जयपुर, १९६६ ई० णायकुमारचरिउ ।नागकुमारचरित)-पुष्पदंत, संपा० हीरालाल जैन, कारंजा, १९३३ ई० मिलकमञ्जरी-धनपाल, संपा० मुनि लावण्यविजय, अहमदाबाद, १९५२ ई० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002090
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages690
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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