SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 576
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मरु-गुर्जर जैन साहित्य ५५९ 'अमररत्नसूरि फागु'- यह भी अज्ञात कवि कृत ऐतिहासिक कृति है। इसे अमररत्नसूरि के किसी शिष्य ने लिखा होगा। यह प्राचीन फागु संग्रह में प्रकाशित है। इसके अनुसार सं० १५१३ में अमररत्न को आचार्य पद प्राप्त हुआ था। अतः इस फागु की रचना १६वीं शती के पूर्वार्द्ध में हुई होगी। हेमरत्नसूरि ने अमररत्न को सूरि मन्त्र दिया था। आगमगच्छीय आचार्य अमररत्न की महिमा का बखान करने के लिए ही यह संक्षिप्त काव्य फागुबन्ध में लिखा गया है। फागु के प्रारम्भ में अमररत्न की जन्मभूमि श्रीमाल और उनके माता-पिता का उल्लेख है, तत्पश्चात् उनके संयम और काम विजय की महत्ता बखानी गई है। वसन्त वर्णन से सम्बन्धित दो पंक्तियां देखिये : 'अहे ललना ललकई लहरइ पहिरई जादर चीर, झलहलइ हार नागोदर, सहोदर मन्मथ वीर।१२।। इस फागु का अन्तिम बन्ध इस प्रकार है 'फागुण फाग सीदूरिहिं पूरिहिं सरवरि सार, भगतिहि सुगुरु मल्हावउं पावउं जिम सविवार । श्री अमररत्नसूरि मनोहर सुहगुरु बालकुंआर, रत्तवतां भवियण अम्ह घरि तम्ह घरि जयजयकार ।' 'उदयनकुमार चरित्र'-इसके लेखक का नाम और रचना की तिथि आदि का विवरण अज्ञात है। इस रचना की जो प्रति संघ भण्डार पाटण में उपलब्ध है वह खंडित है। उसमें २५६ छन्द ही प्राप्त हैं अतः यह पता नहीं कि इसके आगे कवि ने कुछ विवरण दिया है अथवा नही। इसकी अन्तिम कड़ी इस प्रकार है :--- 'पणि एक दोसिइ दैवे दूष्यो, चित्रक रोंगि कोढ़ी रे, तेणि तुपुन पटन्तर भणजे, गात्रि पछेडी ओढ़ी रे ।२५६।३ इसका प्रारम्भिक छन्द निम्नांकित है : 'सिद्धारथ नरपति कुलिइ, आषाढि सुदि छठइ, आयु सुदिन देखाउतु, तव तिसला हुई तुठी।' इसमें उदयनकुमार के चरित्र के माध्यम से दया का महत्व दिखाया गया है यथा१. प्राचीन फाग संग्रह पृ० २४२ २. वही ३. देसाई-जै० ग० क०-भाग ३, ५० ६४३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002090
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages690
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy