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________________ मरु-गुर्जर जैन साहित्य ५०१ भट्टारक वीरचन्द–भट्टारकीय बलात्कारगण शाखा के संस्थापक भ० देवेन्द्र कीर्ति की परम्परा में भ० लक्ष्मीचन्द्र के आप शिष्य थे। इनका सम्बन्ध सूरत की गादी से था किन्तु इन्होंने गुजरात के अलावा राजस्थान में भी खूब विहार किया। आप व्याकरण एवं न्यायशास्त्रवेत्ता, छन्द, अलंकार तथा संगीतशास्त्र के ज्ञाता थे। आप उत्तम वक्ता एवं उच्चकोटि के तपस्वी थे । नवसारी के शासक अर्जुन जीवराज आपके भक्त शिष्य थे। भ० शुभचन्द्र ने कार्तिकेयानुप्रेक्षा की संस्कृत टीका में इनके विद्वत्ता, चरित्र एवं प्रतिभा की बड़ी प्रशंसा की है । आप संस्कृत, प्राकृत एवं मरुगुर्जर के पारंगत विद्वान् एवं साहित्यकार थे। मरुगुर्जर में आपकी आठ रचनायें उपलब्ध हैं (१) वीरविलासफागु, (२) जंबूस्वामीबेलि, (३) जिनआंतरा, (४) सीमंधरस्वामी गीत, (५) संबोधसत्ताणु, (६) नेमिनाथरास, (७) चित्तनिरोधकथा और (८) बाहुबलिबेलि । इनमें से इनकी प्रथम रचना वीर. विलासफागु' एक खंडकाव्य है जिसमें २२वें तीर्थंकर नेमिनाथ के जीवन की एक मार्मिक घटना का काव्यात्मक वर्णन किया गया है । इसमें १३७ पद्य हैं । इसके प्रारम्भ में नेमिनाथ की शोभा का वर्णन देखिये : 'केलि कमल दल कोमल सामल वरण शरीर, त्रिभुवनपति त्रिभुवनतिलो, गुणनीलो गुणगंभीर ।' लीलाललित नेमीश्वर अलवश्वर उदार, प्रहसित पंकज पाखंडी आखंडी-रूपि अपार ।। इसके बाद राजुल की सुन्दरता का एक उदाहरण लीजिये : 'कठिन सुपीन पयोधर मनोहर अतिउतंग, चंपकवर्णी चंद्राननी माननी सोहि सुरंग । हरणी हरखी निज नयणीउ वयणीउ साह सूरंग, दत सुपंती दीपंती सोहती सिर वेणी बंध । राजुल को जब नेमि के वैराग्य की सूचना मिलती है तो उसका करुण क्रन्दन बड़े मार्मिक ढंग से कवि ने व्यक्त किया है, यथा -- 'कनकमि कंकण मोड़ती, तोड़ती मिणिमिहार । लूचती केश कलाप, विलापकरि अनिवार । नयणि नीर काजलि गलि, टलवलि भामिनि भूरि, किमंकरू कहिरे साहेलड़ी विहि नडिगयोडिमझनाह । १. डा० ० च० कासलीवाल-राजस्थान के जैन संत पृ० २६६.२६७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002090
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages690
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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