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________________ मरु-गुर्जर जैन साहित्य ४७१ निसि का नसि, दिवस का दवसि, निश्चय का नश्च जैसे चिन्त्य प्रयोगों को छोड़कर आमतौर पर इसकी भाषा सुबोध और सुन्दर है। __लखमसीह-आपने सं० १५२७ में 'शालिभद्रचौ०' (गा० १०४) लिखा। पता नहीं कि ये 'शालिभद्रविवाहलु' के कर्ता लखमण से भिन्न हैं या वही हैं । इसके प्रथम छन्द में कवि ने सरसती वंदना की है : 'प्रथम विनवउ प्रथम विनवउ देवि सरसति, कासमीरह मुख मंडणीय, हंस गमणि कर कमलि चंगिय । कवि ने पाँचवें छंद में अपना नाम लखमसीह बताया है, यथा-- 'लखमसीह कवि बोलइ ऐहु, भवियउ निसुणहु कन्नि सुणेहु, पढत गुणंता नासइ दूरिउ, सालिभद्र बखाणु चरिउ । इसकी अन्तिम कड़ी इस प्रकार है :'महा विदेहि मंगृया ? भवलहि (य) सिद्धि रमणि ते वीरेस इ मही, सालिभद्दजे चरिउ पठंति, भाव भगति जे नर निसुणंति, हरषि जाइ जिणहर जे दंति, मुगति रमणि फल ते पावंति ।१०४।'1 इसकी भाषा पर अपभ्रंश की छाया यत्र-तत्र पड़ी है किन्तु इतनी सघन नहीं कि मरु-गुर्जर का रूप पूर्णतया आवृत हो जाय । इसमें शालिभद्र का प्रसिद्ध चरित्र चौपाई और दोहे छन्दों में सामान्य ढंग से व्यक्त किया गया है, इस चरित्र के श्रवण का फल मुक्ति की प्राप्ति बताया गया है। __ ललितकीति-आपका एक गीत ऐतिहासिक जैनकाव्य संग्रह में प्रकाशित है जिसका नाम है 'श्री कीतिरत्नसूरिगीतम', । इसमें कीतिरत्न सूरि का इतिवृत्त दिया गया है । इनके अन्य शिष्यों ने भी इनकी स्तुति में रचनायें की हैं जिनमें से कुछ का वर्णन पहले किया जा चुका है और उनमें कीतिरत्नसूरि का वृत्तान्त वणित है। भाषा के नमूने के तौर पर इसका प्रथम छन्द उद्धृत किया जा रहा है : 'अमीय भरै भललोयणे , तुं मुझ हे दीदार, पाठक ललितकीर्ति कहै दिन प्रति जय जयकार ।' इसकी भाषा में उर्दू और खड़ी बोली के प्रयोग द्रष्टव्य हैं, यथा 'जागती ज्योति अमृत' या 'दे दीदार' आदि । इनके अलावा सामान्यता भाषा सरल मरुगुर्जर है। १. श्री अ० १० नाहटा-जै० म० गु० कवि पृ० १२३ २. ऐ० ज० काव्य संग्रह-'श्री कीर्तिरत्न सूरि गीतम्' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002090
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages690
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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