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________________ ४०७ मरु-गुर्जर जैन साहित्य कक्कसूरि केरा शिष्य श्री धर्महंस पय नामक शिष्य, धर्मरुचि बोलइ तास पसाइ, रची च उपइ अजापुत्र राय। पुण्यह साहस आवइ मेह, पुण्य सद्भावे बोलइ जस तेह । पुण्यह कीर्ति त्रिभोवन रसइ, पुण्य ह लीहइ लायकी अमइ । अह प्रबन्ध जुही ग्रही, करो पुण्य मानवमहगही, भणइ रास जे मनसिउ मेली, तेह धरि क र इ कमला के लि।"] इस चौपई में पूण्य का माहात्म्य समझाया गया है। रचना मुख्यतया चौपाइ-छन्द में ही की गई है। कवि ने रचना काल इन पंक्तियों में बताया 'संवत पन्नर वरस अकसिट्ठ, वैशाख पंचमी शुदि गुरुहि गरिठ्ठा, नक्षत्र मृगशिर योग सकर्मा कीधी चउपइ दिन जाणी इसकी भाषा सरल मरुगुर्जर है। ब्रह्मधर्मरुचि-आपकी नव रचनायें उपलब्ध हैं, जिनके नाम-सुकुमालस्वामीरास, पीहर सासडा गीत, वणियडा गीत, मीणारे गीत, अरहंत गीत, जिनवर वीनती, 'आदिजिन वीनती,' 'पद' एवं 'गीत' है। आप अभयचन्द भट्टारक के शिष्य थे। कुमुदचन्द के शिष्य भट्टारक अभयचन्द से आप भिन्न हैं । आप अभयनन्दि के गुरु थे। भ० अभयचन्द के शिष्य ब्रह्मचारी (ब्रह्म) धर्मरुचि की सर्वप्रसिद्ध रचना 'सुकुमालस्वामीरास' एक प्रबन्ध काव्य है, जो विभिन्न छन्दों में वर्णित है। इसकी रचना घोघानगर के चन्द्रप्रभ चैत्यालय में प्रारम्भ हुई और उसी नगर के आदिनाथ चैत्यालय में पूर्ण हुई । कवि ने अपना परिचय देते हुए लिखा है 'श्री मूलसंघ महिमानिलो हो, सरस्वती गच्छ सणगार, बलात्कार गण निर्मलो हो, श्री पद्मनन्दि भवतार रे जी। तस गछपति जगि जाणियो हो, गौतम सम अवतार, श्री अभयचन्द वरवाणीये हो, ज्ञान तणे भंडार (रे जीवडा) तास शिष्य भणि रुवडो हो रास कियो मे सार, सुकुमाल नो भावइ जहो हो, सुणतां पुण्य अपार हे (हेजीवडा) कवि अपनी अक्षमता के लिए क्षमा याचना करता हुआ कहता है : स्वर पदाक्षर व्यंजन हीनो हो, मइ कीयु होयि परमादि, साधु तम्हो सोधि लेना हो, क्षमितवि कर जो आदि (रेजीवडा) १. श्री मो० द० देसाई-जै० गु० क० भाग ३ पृ० ५३७-३८ २. डॉ० क० च• कासलीवाल-राजस्थान के जैन संत पृ० १८८-८९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002090
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages690
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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