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________________ मरु-गुर्जर जैन साहित्य २४३ देवरत्न सूरि आपके पट्टधर थे जिनके चरित्र पर आधारित उनके किसी शिष्य ने 'देवरत्न सूरि फागु' लिखा है जो जैन ऐतिहासिक गुर्जर काव्य संचय में प्रकाशित है। अतः आपका समय १५ वीं शताब्दी निश्चित है । आपकी एक रचना 'स्थूलिभद्र चरित' का उल्लेख श्री मो० द० देसाई ने किया है किन्तु इस कृति का विवरण नहीं दिया है । श्री देसाई ने जै० गु० क० भाग १ पृ० १३ पर इनकी एक अन्य रचना 'क्षेत्र प्रकाश रास' का नामोल्लेख किया है किन्तु भाग ३ पृ० ४१२ में लिखा है कि भाग १ में 'क्षेत्र प्रकाश रास' का कर्त्ता भूल से जयानन्द सूरि को लिखा गया था, वस्तुतः इसके कर्त्ता ऋषभदास हैं जो १७ वीं शताब्दी में हुए, अर्थात् यह रचना १७ वीं शताब्दी की होगी । ऐसी स्थिति में इस रचना का विवरण देना उपयोगी नहीं समझा गया क्योंकि रचना विवादग्रस्त है और जब तक कुछ निश्चित रूप से न ज्ञात हो सके, रचना का लेखक किसे कहा जाय ? क्षेत्र प्रकाश का रचनाकाल श्री देसाई ने सं १४१० के आसपास बताया है । जिनभद्र सूरि- आप खरतरगच्छ के प्रभावशाली आचार्य थे । आपका आचार्य काल सं० १४७५ से सं० १५१४ तक था । आप श्री जिनराज सूरि के शिष्य थे । आपके पिता का नाम धाणिक और माता का नाम खेतल दे था । आपका जन्म सं० १४४९ में हुआ । आपके बचपन का नाम रामणकुमार था । आप उच्चकोटि के साधक, विद्वान् एवं प्रतिभाशाली लेखक थे । आपने सं० १४७५ के आसपास 'महावीर गीत' लिखा। आपने मरुगुर्जर में लिखे गीत के अलावा जिनसत्तरी ( प्राकृत ) और सूरिमंत्रकल्प ( संस्कृत ) आदि की भी रचना की । आपने हजारों जीर्ण प्रतियों का उद्धार कराया और अनेकानेक शास्त्रभण्डार स्थापित कराये जिनमें जैसलमेर का जिनभद्र सूरि ज्ञान भण्डार लोकविश्रुत है । आपकी प्रस्तुत मरुगुर्जर की रचना 'महावीरगीत' एक मनोहर गीत है । आठ गाथा की यह रचना साँचौर में लिखी गई। इसका प्रारम्भ इस प्रकार हुआ है -- "त्रिभुवन गुरु चउवीसमउओ । समरवीओ सिरि वर वीर, तसु हउं चरिय वक्खाणिसउओ । प्राणतइ ओ चविय देवलोकि, त्रिसला दे कुखि अवतरिऊओ || " इस गीत की अन्तिम पंक्तियाँ भी प्रस्तुत हैं : "सच्चउर नयरिहि गुरुय रंगिहि जीवनवल जिणि भग्गउ । हम्मीर जसु भय जाइ नट्ठउ वीर चलणा लग्गउ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002090
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages690
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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