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________________ १७६ मरु-गुर्जर जैन साहित्य का बृहद् इतिहास उच्चकोटि के लेखक थे । आपने सं० १३२७ में प्रारम्भ करके सं० १३८९ में 'विविधतीर्थ अपरनाम कल्पप्रदीप' नामक ग्रंथ को पूर्ण किया था। प्रतिदिन नवीन स्तवन रचना इनका नियम था अतः इनके द्वारा प्रायः सात सौ से भी अधिक स्तवन लिखे गये । कातंत्र व्याकरण पर विभ्रमटीका, विधिप्रपा कल्पसूत्र पर संदेहविषौषधि नामक वृत्ति, साधुप्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति आवश्यकसूत्रावचूरि, चतुर्विधभावनाकुलक, तपोमतकुट्टन आदि अनेकों ग्रन्थों का आपने प्रणयन किया है। मरुगुर्जर में आपने ३७ पद्यों की एक छोटी रचना 'पद्मावतीचौपई' लिखी है । इसके अलावा मरुगुर्जर में लिखित आपके अनेक स्तवन एवं गीतादि उपलब्ध हैं । सं० १४२५ के आसपास की लिखी एक संग्रह प्रति में जिनप्रभसूरि के कई तीर्थ स्तवन और गीत मिले हैं। पद्मावती चौ० भैरव पद्मावती कल्प नामक ग्रन्थ के परिशिष्ट संख्या १० में प्रकाशित हो चुकी है । इसमें पद्मावती देवी की स्तुति चौपाई छन्द में की गई थी। पद्मावती देवी के माहात्म्य का वर्णन करता हआ कवि लिखता है : 'बंझ नारि तुह पय झापंति, सुर कुमरोवम पुत्त लहंति । निंदू नंदण जणइ चिराउ,. दुहव पावइ वल्लह राउ।३३। चितिय फल चिंतामणि मंति, तुज्झ पसायिं फलइ निपंतु । तुम्म अणुग्गह नर पिक्खेवि, सिज्झइ सोलह विज्जाएवि ।। इसका प्रथम पद्य इस प्रकार है :-- 'श्री जिणशासणु अवधाकारि, झायहु सिरि पदमावइ देवि । भवियलोय आणंदयरि दुलहऊ सवेय जम्म लदेवि । पउमावइ चउपइय पढ़ति, होई पुरिस तिहुअण सिरिकंति, इम पभणइ निय जस कर्पूर, सुरही भवण जिणप्पह सूरि । जिन प्रभ सूरि ने सं० १३८५ पौष सुदी अष्टमी शनिवार को दिल्ली में मुहम्मद शाह से मुलाकात किया; सुल्तान ने अपने समीप आसन दिया, जूलस निकाला गया और आपके उपदेश से प्रभावित हो उसने धर्म की प्रभावना के लिए फरमान निकाला। इसके पूर्व कुतुबुदीन मुबारक शाह को भी प्रभावित करने का उल्लेख मिलता है। १. श्री मो० द० देसाई जैन गु. क. भाग ३, खण्ड २ पृ० १४७५ २. वहीं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002090
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages690
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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