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________________ विषय-सूची अध्याय १–मरु-गुर्जर का प्रारम्भ और प्राचीन परम्परा, मरु-गुर्जर की निरुक्ति १, मरु-गुर्जर का विकास २, मरु और गुर्जर भाषा की एकता ३, मरु गुर्जर की उत्पत्ति : मरु १०, गुर्जर १२, मरु-गुर्जर की एकता का आधार १३, मरु-गुर्जर शब्द की उपयुक्तता १४, मरु-गुर्जर जैन साहित्य का काल-विभाजन १५, मरु-गुर्जर के प्रति उदासीनता १६, जैन साहित्य का प्रथम परिचय १७, मरु-गुर्जर साहित्य का संरक्षण १८, मरु-गुर्जर का उद्भव २०, मरु-गुर्जर के स्वतन्त्र विकास का कारण २१, जैन साहित्य में प्राकृत २२, जैन प्राकृत साहित्य की विशेषतायें २४, अपभ्रंश : अपभ्रंश का शब्दार्थ और इतिहास २५, अपभ्रंश भाषा की सामान्य प्रवृत्तियाँ २९, अपभ्रंश की प्रमुख विशेषतायें ३०, अपभ्रंश साहित्य की संक्षिप्त उद्धरणी ३४, अपभ्रंश जैन साहित्य ३४, स्वयंभू ३६, पुष्पदन्त ३८, धनपाल प्रथम, द्वितीय और तृतीय ४१, वीरकवि ४३, नयनन्दि ४४, मुनि कनकामर ४४, साहिल ४५, पद्मकीर्ति ४६, श्रीधर ४६, देवसेनगणि ४७, सिंह और सिद्ध कवि ४८, हरिभद्र ४८, पं० लाखू या लक्खण ४९, यशःकीर्ति ४९, रइध ५०, जैन रास साहित्य ५२, साधारण ५३, देवचन्द्र ५४, योगीन्दु ५४, मुनिरामसिंह ५५, सुप्रभाचार्य ५६, देवसेन ५६, रूपककाव्य ५८, कथा साहित्य ५८, हरिषेण ५८, जैनेतरअपभ्रश काव्य ५९, बौद्ध अपभ्रंश साहित्य ६०, शेवों की अपभ्रश रचनायें ६१, आदिकालीन जैन साहित्य की पृष्ठभूमि ६२, राजनीतिक स्थिति ६३, आर्थिक स्थिति ६५, धार्मिक स्थिति ६६, प्रमुख राजवंशों की धार्मिक नीति ६७, बुन्देलखण्ड, मालवा में जैनधर्म की स्थिति ६८, गुजरात में जैनधर्म की स्थिति ६८, जैन धर्म का परिचय ७०, जैन-दर्शन ७१, जैनदेवमंडल तथा पूजन ७२, मरु-गुर्जर भाषा का विकास ७२, मरु-गुर्जर साहित्य पर अपभ्रश का प्रभावः भाषा ८२, चरित ८३, कथावस्तु ८३, कथानक रूढ़ियां ८४, अभिव्यन्जना ८४, शैली ८४, छन्द ८५, काव्यरूप ८७, रस ९७, भक्ति १०२। अध्याय २-मरु गुर्जर जैन साहित्य (सं० १२०१-१३००) आदिकाल का निर्धारण १०७, गुजरात-राजस्थान से जैनधर्म का सम्बन्ध १०९, १३ वीं शताब्दी की सांस्कृतिक पीठिका : अभयदेवसूरि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002090
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitikanth Mishr
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages690
LanguageHindi, MaruGurjar
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size11 MB
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