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________________ १७० : मूलाचार का समीक्षात्मक अध्ययन के लिए ये बाह्य तप सीढ़ियों का कार्य करते हैं। आभ्यन्तर तप की सिद्धि के लिए दृढ़ आधार और प्रशस्त भूमिका तैयार करने में भी बाह्य तप का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बाह्यतप के पूर्वोक्त छह भेदों का क्रमशः विवेचन प्रस्तुत है१. अनशन (अणसण) तप : __ मन्त्रसाधन आदि दृष्टफल की अपेक्षा किये बिना संयमप्रसिद्धि, रागोच्छेद, कर्मविनाश, ध्यान और आगमबोध आदि के लिए किया गया उपवास अनशन नामक प्रथम बाह्य तप है।' कार्तिकेयानुप्रेक्षा में कहा है कि मन और इन्द्रियों को जीतकर इहभव तथा परभव के विषय-सुखों की अपेक्षा रहित होना साथ ही आत्मध्यान और स्वाध्याय में लीन रहकर कर्मक्षय के लिए (एक दिन, दो दिन इत्यादि रूप) काल परिमाण सहित सहज भाव से किया गया आहारत्याग अनशन तप है ।२ अनशन को उपवास भी कहा जाता है। पं० आशाधर के अनुसार अपने-अपने विषयों से हटकर, इन्द्रियों के राग-द्वेष रहित आत्मस्वरूप में वसने या लीन होने से अशन, स्वाद्य खाद्य और पेय-इन चार प्रकार के आहार का विधिपूर्वक त्याग करना उपवास कहा जाता है। प्राणिसंयम और इन्द्रियसंयम की सिद्धि के लिए अनशन तप किया जाता है, क्योंकि दोनों प्रकार के असंयम का अविनाभाव भोजन के साथ देखा जा सकता है । आहार-त्याग से जीवन की आशंसा अर्थात् शरीर और प्राणों के प्रति आसक्ति छूट जाती है । इस प्रकार अपनी चेतन वृत्तियों को भोजन आदि के बन्धन से मुक्त रखने एवं आत्मिक बल की वृद्धि के लिए किया गया अशन का त्याग अनशन तप है । यह अनशन तभी तप है जब कर्मक्षय के लिए किया जाये । मन्त्र साधना आदि लौकिक फल के उद्देश्य से किये जाने वाले अनशन को तप नहीं कहा जा सकता। १. तत्त्वार्थवार्तिक ९।१९।१ पृष्ठ ६१८. २. कार्तिकेयानुप्रेक्षा ४४०-४४१. ३. स्वार्थादुयेत्य शुद्धात्मन्यक्षाणां वसनाल्लयात् । ___ उपवासोऽशनस्वाद्यखाद्यपेयविवर्जनम् ॥ अनगार धर्मामत ७।१२. ४. धवला १३।५।४।२६।५५।३. ५. उत्तराध्ययन २९।३५. ६. अनगार धर्मामृत ७।११ की ज्ञानदीपिका स्वोपज्ञवृत्ति पृष्ठ ४९७. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002088
Book TitleMulachar ka Samikshatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchandra Jain Shastri
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1987
Total Pages596
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size23 MB
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