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________________ मूलगुण : १३७ इस काल-प्रमाण के विभाजन में यह जानना आवश्यक है कि प्राण-वायु (श्वास) मुँह से शरीर के अन्दर जाने और बाहर निकलने की प्रक्रिया का नाम उच्छ्वास है। णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं-इन दो पदों के उच्चारण में में एक उच्छ्वास-काल प्रमाण होता है । तथा पूरे णमोकार मंत्र के उच्चारण में तीन उच्छ्वास-काल प्रमाण लगता है।' कायोत्सर्ग के लाभ: __ कायोत्सर्ग का मुख्य उद्देश्य शरीर और आत्मा के भेद-विज्ञान का साक्षात्कार करके आत्मा का सान्निध्य प्राप्त करना है। आवश्यक नियुक्ति में कायोत्सर्ग के पाँच फल बतलाये हैं । १. देहजाड्यशुद्धि-दैहिक जड़ता की शुद्धि अर्थात् श्लेष्म आदि के द्वारा देह में जड़ता आती है। कायोत्सर्ग से श्लेष्म आदि दोष नष्ट हो जाते हैं । अतः उनसे उत्पन्न होने वाली जड़ता भी नष्ट हो जाती है । २. मतिजाड्यशुद्धि-अर्थात् बौद्धिक जड़ता की शुद्धि । कायोत्सर्ग में मन की प्रवृत्ति केन्द्रित हो जाने से बौद्धिक जड़ता नष्ट हो जाती है। ३. सुख-दुःख तितिक्षा-सुख-दुःख सहन करने की क्षमता (शक्ति) प्राप्त होती है। ४. अनुप्रेक्षा-अर्थात् शुद्ध भावना का अभ्यास । इसके माध्यम से अनुप्रेक्षाओं (बारह भावनाओं) के अनुचिन्तन में स्थिरतापूर्वक अभ्यास की निरन्तर वृद्धि होती है। ५. ध्यान-कायोत्सर्ग से शुभ ध्यान का अभ्यास सहज हो जाता है । मूलाचारकार ने कहा है कि सभी दुःखों के क्षय के लिए धीर पुरुष कायोत्सर्ग करते हैं । ३ कायोत्सर्ग करने से जैसे-जैसे शरीर के अंगोपांग (अवयव) की संधियाँ भिंदती जाती हैं वैसे-वैसे कर्मरज नष्ट होती जाती है। मोक्षमार्ग रूप रत्नत्रय का उपदेशक होने के कारण इस कायोत्सर्ग से चार घातियाकर्मों १. कुन्द० मूलाचार ९।१८५ पृष्ठ ३३८. २. देह मइ जड्डसुद्धी, सुहदुक्खतितिक्खया अणुप्पेहा । झायइ य सुहं झाणं एयग्गो काउसग्गम्मि ।। -आवश्यक नियुक्ति ५।१४६२. * ३. कायोसगं धीरा करंति दुक्खक्खयछाए-मूलाचार ७।१७४. ४. काओसग्गम्हि कदे जह भिज्जदि अंगुवंगसंधीओ। तह भिज्जदि कम्मारयं काउस्सग्गस्स करणेण ॥ वही ७।१६९. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002088
Book TitleMulachar ka Samikshatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchandra Jain Shastri
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1987
Total Pages596
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size23 MB
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