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________________ आहार तथा वस्त्र सम्बन्धी नियम : ५७ अवधि का अतिक्रमण करती थीं, इसके लिए प्रायश्चित्त का विधान किया गया था। कठिन का समारोह वर्षावास के पश्चात् (कार्तिक महीने में) किया जाता था (कठिने वस्सानस्स पच्छिमो मासो)२ । कठिन के अवसर पर वस्त्रप्राप्त होना सम्मान का द्योतक माना जाता था। कठिन चीवर उस भिक्षु या भिक्षुणी को प्रदान किया जाता था जिसके पास चीवरों की कमी हो, तथा जिसने वर्षावास सम्यक रूप से व्यतीत किया हो । कठिन देने के लिए संघ की अनुमति ली जाती थी, अनुमति मिलने पर ही भिक्षु या भिक्षुणी को वह वस्त्र प्रदान किया जाता था, जिस वस्त्र को उसे सबसे अधिक आवश्यकता होती थी। वस्त्र का रंग : बौद्ध भिक्षुणियों का वस्त्र काषाय रंग का होता था । प्रारम्भ में भिक्षु गोबर (छकणेन) तथा पीली मिट्टी (पण्डुमत्तिक) से वस्त्र रंगते थे जिससे वस्त्र खराब हो जाते थे, अतः बुद्ध ने वस्त्र को छः प्रकार से रंगने की अनुमति दी थी।५ (१) मूलरजन (जड़ से रंगना), (२) खन्दरजन (तनों से रंगना) (३) तचरजन (छाल से रंगना), (४) पत्तरजन (पत्तों से रंगना), (५) पुप्फरजन ( पूष्पों से रंगना), (६) फलरजन (फलों से रंगना)। वस्त्र का रंग पक्का रहना चाहिए, अतः रंग को पकाने का भी विधान था। रंग पकाने के लिए पात्र आदि रखने की अनुमति दी गयी थी । वस्त्र धोने के बाद उसे सुखाने के लिए बांस और रस्सी के उपयोग की अनुमति दी गयी थी । परवर्तीकाल में बौद्ध संघ में कई भेद हुए, परन्तु वस्त्र की संख्या एवं उनके रंग में कोई परिवर्तन दृष्टिगोचर नहीं होता, यद्यपि वस्त्र की माप कम या ज्यादा हो सकती थी। इसका उल्लेख ७वीं शताब्दी में आने वाले चीनी यात्री ह्वेनसांग ने किया है। १. पातिमोक्ख, भिक्खुनी पाचित्तिय, २९; भिक्षुणो विनय, $ २८८. २. पाचित्तिय पालि, पृ० ३९१. ३. महावग्ग, पृ० २६६-६७. ४. वही. पृ० ३०२. ५. वही, पृ० ३०२-३० ३. 6. The Sramas (Sramanas) have only three Kinds of robes, viz., the Sang-kio-ki, the Ni-fo-si-Na. The cut of the three robes is not the same, but depends on the school. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002086
Book TitleJain aur Bauddh Bhikshuni Sangh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArun Pratap Sinh
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1986
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size11 MB
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