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________________ जैन एवं बौद्ध भिक्षुणियों की दिनचर्या : ८९ सर्वप्रथम भिक्षा पात्र का प्रतिलेखन कर मुखवस्त्रिका तथा प्रमाजिका (गोच्छग) का प्रतिलेखन किया जाता था। वस्त्र का प्रतिलेखन करते समय पहले उत्कुटुक आसन मे बैठकर वस्त्र को स्थिरतापूर्वक देखने तथा पुनः वस्त्र को खोलकर (पफ्फोडे) ध्यानपूर्वक उसका प्रमार्जन करने का विधान था। प्रतिलेखन करते समय यह ध्यान रखा जाता था कि वस्त्र या शरीर इधर-उधर हिले-डले नहीं (अणच्चावियं अवलियं), वस्त्र आँख से ओझल न हो (अणाणुबन्धि) और न वस्त्र का दीवाल आदि से सम्पर्क हो (अमोसलिं) । प्रमार्जन करते समय वस्त्र में यदि कोई जन्तु चिपका हो तो उसे सावधानीपूर्वक विशोधन कर देने का विधान था। (पाणीपाणविसोहणं) प्रतिलेखन करते समय परस्पर वार्तालाप करना, पढ़ना, पढ़ाना या कथा कहना निषिद्ध था। प्रतिलेखन के अनेक दोषों का उल्लेख किया गया है यथा-आरभडा (एक वस्त्र का पूरी तरह प्रतिलेखन किए बिना दूसरे वस्त्र के प्रतिलेखन में लग जाना), सम्मदा (वस्त्र को इस तरह पकड़ना कि उसके कोने मुड़ जाय) मोसली (प्रतिलेखन करते समय वस्त्र को ऊपर-नीचे या इधर-उधर करना, (जोर से झटकना), पफ्फोडणा विक्खित्ता (प्रतिलेखित वस्त्र को अप्रतिलेखित वस्त्र पर रख देना), वेइया (प्रतिलेखन करते समय हाथ को इधर-उधर हिलाना-डुलाना), पसिढिल (वस्त्र को ढीला पकड़ना), पलम्ब (वस्त्र का एक कोना पकड़ना जिससे वह नीचे लटक जाय), लोल (वस्त्र का भूमि से सम्पर्क होना), एगामोसा (वस्त्र के बीच में से पकड़कर पूरे वस्त्र को देख जाना), अणेगरूवधुणा (वस्त्र को अनेक बार अथवा अनेक वस्त्रों को एक साथ झटकना), पमाणिपमाय (प्रस्फोटन तथा प्रमार्जन के नियम का उल्लंघन करता), संकिए गणणोवगं (प्रस्फोटन तथा प्रमार्जन के नियम में शंका के कारण हाथ की ऊंगलियों की पर्व-रेखाओं से गणना करना)-इन दोषों से रहित प्रतिलेखन ही शुद्ध माना जाता था। मालोचना-प्रत्येक भिक्षु-भिक्षुणी को प्रतिदिन अपने द्वारा सेवित १. उत्तराध्ययन, २६/२३-२४. २. वही, २६/२५. ३. वही, २६/२९. ४. वही, २६/२६-२७. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002086
Book TitleJain aur Bauddh Bhikshuni Sangh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArun Pratap Sinh
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1986
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size11 MB
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