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८४ : जैन और बौद्ध भिक्षुणी-संघ
बौद्ध भिक्षुणियों के विहार सम्बन्धी इन साहित्यिक साक्ष्यों का समर्थन आभिलेखिक साक्ष्यों से भी होता है। प्रथम शताब्दी ईस्वी के जुन्नार बौद्ध गुफा अभिलेख में एक बौद्ध भिक्षुणी-विहार का उल्लेख मिलता है। यह भिक्षुणी-उपाश्रय स्थविरवाद के धर्मोत्तरीय निकाय का था।' अभिलेखों में कुछ भिक्षुणियों के लिए विहारस्वामिनी शब्द का प्रयोग हुआ है । जिन भिक्षुणियों के ऊपर विहार की व्यवस्था का उत्तरदायित्व रहता था, उन्हें विहारस्वामिनी कहा जाता था । कनिष्क के सुई विहार अभिलेख में बालनन्दी को विहारस्वामिनी कहा गया है। इसी प्रकार मथुरा से प्राप्त गुप्त सम्वत् १३५ (४५४ ईसवी) के एक अभिलेख में देवदत्ता नामक भिक्षुणी को विहारस्वामिनो कहा गया है।
फ्लीट के अनुसार 'विहारस्वामिनी' शब्द किसी धार्मिक पद की सूचना नहीं देता, अपितु इसका अर्थ विहारस्वामी की पत्नी से है, परन्तु इस विचार से सहमत होना कठिन है। भिक्षुणियाँ विहार-निर्माण का कार्य (नवकम्म) कर सकती थीं। इसकी अनुमति स्वयं बुद्ध ने दी थी । अभिलेखों में भिक्षुणियों के लिए नवकम्मक (नवर्मिक) शब्द का प्रयोग किया गया है। अमरावती से प्राप्त एक बौद्ध अभिलेख में भिक्षुणी बुद्धरक्षिता को "नवकम्मक" कहा गया है।" उपासक साल्ह ने एक भिक्षुणी-विहार बनवाने में भिक्षुणी सुन्दरीनन्दा की सहायता ली थी। "नवकम्मक' का अर्थ उस भिक्षणी से है, जो आवास या विहार के निर्माण से सम्बन्धित थी या उसकी मरम्मत आदि कराने में सहयोग करती थी । अतः विहारस्वामिनी भिक्षुणी का तात्पर्य विहारस्वामी की पत्नी से नहीं है, बल्कि ऐसी भिक्षुणियों से है, जो विहार की व्यवस्था आदि का कार्य देखती थीं या नये विहार का निर्माण करवाती थीं।
1. A List of Brahmi Inscriptions, 1152, 1155. 2. Corpus Inscriptionum Indicarum, Vol. II, Part I,P. 141. 3. Ibid, Vol. III, p. 263. 4. 'Viharswamini seems, not to be a technical religious
title denoting an office held by females, but to mean simply the wife of a 'Viharswamin'.
-Ibid, vol. III, P. 263. 5. A List of Brahmi Inscriptions, 1250, ६. पाचित्तिय पालि, पृ० २८४,
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