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प्राकृत आगमेतर जैन श्रीकृष्ण साहित्य
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में मैंने अपनी सुविधानुसार आगम और आगमेतर श्रीकृष्ण विषयक प्राकृत ग्रन्थों का सहारा लेकर अपने अनुशीलन के विषय को समझने और समझाने का प्रयास किया है । इसमें जो तथ्य उभरे हैं उन्हें मैंने यथासंभव यथास्थान यथोचित मात्रा में अभिव्यक्त कर दिया है। अगले अध्याय में संस्कृत जैन कृष्ण साहित्य का विशद साहित्यिक अध्ययन प्रस्तुत किया जावेगा।
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