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प्राकृत जैन आगम श्रीकृष्ण साहित्य
इस प्रकार इस अध्याय में मैंने अपने शोधाध्ययन के सूत्र जटाये हैं। विशेष अध्ययन के लिए श्री देवेन्द्रमुनि की "भगवान अरिष्टनेमि और कर्म योगी श्रीकृष्ण एक अनुशीलन" यह पुस्तक दृष्टव्य है । 22
अगले अध्याय में इससे थोड़ा सा विस्तृत अध्ययन प्राकृत आगमेतर जैन श्रीकृष्ण साहित्य का मैं कर रहा हूं।
२२. भगवान अरिष्टनेमि और कर्मयोगी श्रीकृष्ण, एक अनुशीलन पृ० ३४०
(परिशिष्ट) से ३६० तक तथा ३६७, देवेन्द्र मुनि शास्त्री,
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