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जैन - परंपरा में श्रीकृष्ण-साहित्य
कि श्रीकृष्ण का पौत्र, प्रद्युम्न का पुत्र अनिरुद्ध उसका पति होगा और वह अनिरुद्ध के अनुराग में खो गयी । गौरी विद्या के प्रिय शंकरदेव ने बाणासुर को वरदान दिया था कि वह सभी युद्धों में अजेय रहेगा । गौरी के सतर्क करने पर शंकरदेव ने वरदान में जोड़ दिया था कि "स्त्री विषयक युद्ध के अतिरिक्त" । बाण उषा के लिए विशिष्ट वर की खोज में था । उषा अनिरुद्ध के स्वप्नों में खोयी रहती थी । विद्याधरी चित्रलेखा रात्रि को सोये अनिरुद्ध को उठा लायी और उषा ने उसके साथ गांधर्व विवाह कर लिया । घोषणापूर्वक जब अनिरुद्ध उषा का हरण कर ले जाने लगा तो बाण ने घेर लिया। युद्ध हुआ, पर अनिरुद्ध अजेय रहा तो बाणासुर ने उसे नागपाश में बांध लिया । द्वारका में प्रज्ञप्ति विद्या से का पता चलने पर तत्काल अनिरुद्ध श्रीकृष्ण, बलराम व प्रद्युम्न वहां पहुंच गये । बाण ने कहा- एक चोर को बचाने दो चोर (पिता और पितामह) आये हैं । अंततः युद्ध हुआ जो विद्याओं और शस्त्रों के मध्य युद्ध था । वासुदेव श्रीकृष्ण ने बाणासुर का बध कर दिया और उषा-अनिरुद्ध को लेकर द्वारका आ गये और उनका विवाह हुआ । अरिष्टनेमि: प्रव्रज्याग्रहण
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भगवान अरिष्टनेमि २२ वें तीर्थंकर थे जो समुद्रविजय के पुत्र थे । इस प्रकार वे श्रीकृष्ण के चचेरे भाई थे । श्रीकृष्ण द्वारा कंस - संहार के समय वे आठ वर्ष के थे। 138 जरासंध वध कर द्वारकाधीश श्रीकृष्ण त्रिखंडेश्वर हो गये और यादवजन द्वारका निवासी हो गये थे । 139 अरिष्टनेमि भी यहीं विकसित हो अब युवा हो गये थे । एक दिन वे राज्य - शस्त्रागार में गये और सुदर्शन को उंगली पर धारण कर लिया, शारंग धनुष को मोड़ दिया, कौमुदी गदा को कंधे पर धारण कर लिया और पांचजन्य शंख को फूंक कर समस्त द्वारका को थरथरा दिया। 140 मान्यता थी कि यह सारा पराक्रम श्रीकृष्ण के लिए ही संभव है - जो मिथ्या हो गयी थी । श्रीकृष्ण अरिष्टनेमि के बल से चकित रह गये। एक दूसरे की फैली भुजा को झुकाने में भी अरिष्टनेमि विजयी रहे। 141 श्रीकृष्ण ने कहा - बन्धु ! जैसे बलराम मेरी शक्ति के आगे सारे संसार को तृणवत् मानते हैं, वैसे ही अब मैं तुम्हारी
१३८. जातो अट्ठवरिसो, एत्यंतरेऽथ हरिणा कंसे विणिवाइए ।
उत्तराध्ययन सुखबोधा, पृ० २७८ १३. त्रिषष्टि शलाका पुरुष चरित्र - पर्व ८ सर्ग ५ से ८ (ख) चउप्पन - महापुरिस-चरियं १४०. भवभावना पृ० १९७
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(ग) सुखबोधा पृ० २७८. १४१. उत्तराध्ययन सुखबोधा - २७८
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