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प्राकृत, अपभ्रंश, संस्कृत में कृष्ण कथा आठ पट्टरानियाँ : अन महिषियां
श्रीकृष्ण की अनेक रानियाँ थीं, जिनकी संख्या १६ हजार मानी जाती हैं।109 इनमें से सत्यभामा एवं रुक्मिणी सहित ८ प्रमुख थीं जो पट्टरानियाँ थीं और अग्रमहिषियाँ कहलाती थीं। शेष ६ पटरानियों के नाम थे-जाम्बवती, लक्ष्मणा, सुसीमा, गौरी, पद्मावती एवं गांधारी।
जांबवती गगननंदन के विद्याधर राजा जांबवान की पुत्री थी और उसकी माता का नाम श्रीमती था। लक्ष्मणा सिंहस्वामी हिरण्यलोम की पुत्री थी जो श्रीकृष्ण की आशाओं की अवमानना किया करता था। लक्ष्मणा का हरण किया गया था ।110 सूसीमा अराक्षरी (आयुस्वरी) नगरी के राजा की पुत्री थी और नमूची की बहन थी जिसे अपनी अजेयता का दर्प था। प्रभास तीर्थ से श्रीकृष्ण नमूचि का वध कर उसे हरण कर लाये थे ।111 गौरी मरुत्देश के राजा वीतभय की पुत्री थी।112 पद्मावती बलराम की माता रोहिणी के भाई अरिष्टपुर नरेश हिरण्यनाभ की पुत्री थी।113 गांधारी गांधार देश की पूष्कलावती नगरी के राजा नग्नजित की पुत्री थी।114 नग्नजित के निधन पर गांधारी का भाई चन्द्रदत्त राजा बना, पर स्वजनों द्वारा अपहृत कर दिया गया था। श्रीकृष्ण ने उसे पुनः राज्यारूढ़ कराया था। उसने गांधारी का विवाह श्रीकृष्ण के साथ करा दिया ।114
१०६. (क) अन्तगडदसाओ वर्ग १ अ० १ (ख) प्रश्नव्याकरण, ३ धर्मद्वार
(ग) वैदिक परंपरा में रानियों की संख्या १६१०१ मानी गयी हैं । भगवतो
प्यत्र-मर्त्यलोकेऽवतीर्णस्य षोडशसहस्राण्येकोत्तर-शतानि स्त्रीणामभवत्विष्णुपुराण । इनमें से रुक्मिणी, कालिंदी, मित्रविन्दा, सत्या (नग्नजित की पुत्री), जाम्बवती, रोहिणी, सुशीला, (मद्रराजपुत्री) सत्यभामा और लक्ष्मणा इन ६ रानियों को प्रमुख माना गया है।
महाभारत के अनुसार प्रमुख रानियां-रुक्मिणी, सत्यभामा, गांधारी. शैव्या, हेमवती, जाम्बवती । हरिवंशपुराणानुसार लक्ष्मणा ही जलहासिनी है। और, प्रमुख रानियां इस प्रकार हैं-कालिन्दी, मित्रवृन्दा, सत्या, जाम्बवान की कन्या रोहिन्दी, माद्रीसुशीला, सत्यजित की
कन्या सत्यभामा, जलहासिनी लक्ष्मणा, शैव्या। ११०. वसुदेवहिण्डी पृ०७६ १११. वही—पृ० ७६ ११२. वही-५०७८
११३. वही-७८ ११४. बही-पु. ७८
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